
दक्षिण-पश्चिमी जिले की साइबर थाना पुलिस ने बीएसईएस का कर्मचारी बनकर ठगी करने वाले एक जालसाज को झारखंड के जामतारा से गिरफ्तार किया है। शुरूआती जांच में पता चला कि आरोपी विकास मंडल बीएसईएस ग्राहक सहायता के नाम पर पीडि़तों के साथ ठगी करता था। वह साइबर धोखाधड़ी के कई मामलों में शामिल रहा है। उससे दो स्मार्ट फोन बरामद किए गए हैं।
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि आरके पुरम सेक्टर-1 नवासी शिकायतकर्ता ने 2 फरवरी को शिकायत दी थी कि उसने अपने बीएसईएस कनेक्शन के स्वामित्व हस्तांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। उसके बाद उसे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को बीएसईएस कर्मचारी बताते हुए कहा कि कनेक्शन स्थानांतरित करने के लिए अपना सीए नंबर अपडेट करना होगा। बाद में व्यक्ति ने उन्हें दूसरे नंबर से उनके व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक करने पर उनके मोबाइल पर कुछ ओटीपी प्राप्त हुए। जब उन्होंने अपने एसबीआई कार्ड स्टेटमेंट की जांच की तो 49,995 रुपये के दो लेनदेन किए गए थे।
जांच के दौरान जिस मोबाइल नंबर से शिकायतकर्ता को कॉल आया था वह बंद था, मगर घटना के समय यह गांव और पोस्ट ऑफिस कोरो, जिला- देवघर, झारखंड में सक्रिय था। पता लगा कि मोबाइल नंबर पर केवल व्हाट्सएप सक्रिय था। उसके बाद पुलिस की टीम झारखंड, जामतारा में दबिश देकर आरोपी को पकड़ लिया। आखिरकार पुलिस ने आरोपी विकास मंडल (23) निवासी देवगढ़, झारखंड 16 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया। वह पहले भी झारखंड के देवगढ़ में साइबर धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।