10 साल की उम्र में हर दिन 600 गेंद खेलते थे वैभव, कोच ने कई अहम खुलासे किए

14 साल की उम्र में आईपीएल में शनिवार को डेब्यू करने वाले वैभव सूर्यवंशी ने शार्दुल ठाकुर की पहली ही गेंद पर छक्का लगाकर दुनिया को चौंका दिया। ऐसी प्रतिभा रातों-रात नहीं बनीं, इस अविश्वसनीय कहानी की नींव तब पड़ी जब उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने अपने बेटे के क्रिकेट सपनों को पूरा करने के लिए अपनी खेती की जमीन बेच दी।
इसे आगे बढ़ाते हुए पटना के क्रिकेट कोच मनीष ओझा ने इस विशेष प्रतिभा को पहचाना और सुनिश्चित किया कि 10 साल के वैभव को कम से कम 600 गेंदों का सामना करने का मौका मिले, ताकि जब भी मौका मिले, वह बड़ी चुनौती के लिए तैयार रहे।
Vaibhav Suryavanshi के बचपन के कोच ने की उनकी तारीफ
राजस्थान रायल्स (Rajasthan Royals) के राहुल द्रविड़ और जुबिन भरूचा ने आईपीएल (Indian Premier League) की शुरुआत से पहले उसे 150 से अधिक की गति से साइड-आर्म थ्रोडाउन का सामना करवाकर इस अनगढ़े हीरे को चमकाने में अपना योगदान दिया। आईपीएल नीलामी में राजस्थान रायल्स के 1.10 करोड़ रुपये खरीदा था।
“बल्ले की स्विंग और सही टाइमिंग देखी”
कोच ने कहा कि आप लोगों ने उसके शॉट में ताकत देखी। बल्ले की स्विंग और सही टाइमिंग देखी। अगर छक्का मारने के लिए ताकत ही एकमात्र मानदंड होता तो पहलवान क्रिकेट खेलते। यह पांच साल की ट्रेनिंग है, जिसमें हर दिन 600 सौ गेंदें खेली जाती हैं।
उन्होंने कहा कि अकादमियों में अन्य लड़के शायद एक दिन में 50 गेंदें खेलते हैं। मैंने वैभव (Vaibhav Suryavanshi) के ट्रेनिंग सत्रों के लगभग 40 वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किए हैं। आप देखेंगे कि उसका बल्ले का स्विंग युवराज सिंह जैसा है।
100 किलोमीटर की यात्रा करते थे
वैभव के कोच ओझा ने कहा कि उसके माता-पिता शानदार हैं। उसके पिता मैच दिखाने के लिए हर दूसरे दिन 100 किलोमीटर की यात्रा करते थे। मां उसके खान-पान को लेकर बहुत सजग रहती थीं। अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन 600 गेंदें खेलता है तो उसे प्रोटीन के मामले में ज्यादा पोषण की जरूरत होगी।