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यात्रा के लिए तैयार किया जा रहा आस्था पथ…दुश्वारियां भी बरकरार, देखिए ये लाइव रिपोर्ट

बदरीनाथ धाम के आस्था पथ को यात्रा के लिए तैयार किया जा रहा है। कहीं डामर बिछाया जा रहा है, तो कहीं भूस्खलन वाली चट्टानों को लोहे की डबल जालियों से ढका जा रहा है। हालांकि कुछ पुराने भूस्खलन क्षेत्रों में स्थाई ट्रीटमेंट न होने से दुश्वारियां अभी भी बरकरार हैं।

कमेड़ा से कंचन गंगा (120 किमी) के बीच कई ऐसी जगह हैं, जहां बरसात में भूस्खलन सुचारु यातायात में खलल पैदा कर सकता है। यात्रा शुरू होने में अब एक सप्ताह का समय शेष बचा है, ऐसे में एनएचआईडीसीएल के सामने इन क्षेत्रों में अधिक से अधिक सुधार का दबाव भी बना हुआ है। हमने बदरीनाथ हाईवे की मौके पर जाकर पड़ताल की। कहीं हाईवे की स्थिति में सुधार हुआ है, तो कहीं बदहाल हालत भी देखने को मिली हैं।

चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे गौचर के समीप कमेड़ा से शुरू होता है। कमेड़ा क्षेत्र पिछले तीन साल से भूस्खलन की जद में है। इस बार एनएचआईडीसीएल ने यहां पहाड़ी का सुधारीकरण और डामरीकरण कार्य पूरा कर दिया है। जिससे यहां हाईवे सुगम हो गया है। गौचर और कर्णप्रयाग के बीच चटवापीपल के पास भूस्खलन वाली पहाड़ी को डबल जाली से ढक दिया गया है।

भूस्खलन वाली चट्टानों को लोहे की जाली से ढका
नंदप्रयाग तक हाईवे बेहतर हालत में है। यहां ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत चौड़ीकरण कार्य पूर्ण हो गया है।नंदप्रयाग से करीब एक किलोमीटर आगे पर्थाडीप भूस्खलन क्षेत्र है। यहां अभी भी पहाड़ी से मलबा हटाने का काम चल रहा है। पहाड़ी पर कटिंग कर भूस्खलन को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। क्षेत्रपाल भूस्खलन क्षेत्र में भी हाईवे के चट्टानी भाग पर लोहे की डबल जाली लगाई गई है। कुछ जगहों पर पोकलेन मशीन से मलबा हटाया जा रहा है। छिनका, बिरही, भनेरपाणी, पाखी और लंगसी में भूस्खलन वाली चट्टानों को लोहे की जाली से ढक दिया गया है।

पागल नाला- बन रही 120 मीटर की पीक्यूसी रोड
बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी से करीब 13 किमी की दूरी पर सबसे खतरनाक भूस्खलन वाली जगह है पागल नाला। यहां बरसात में गदेरे से मलबे के साथ बोल्डर भी हाईवे पर आ जाते हैं। प्रत्येक साल यहां हाईवे सुधारा जाता है। लेकिन बरसात में गदेरा फिर मुसीबत बन जाता है। इस बार एनएचआईडीसीएल की ओर से पागल नाला के करीब 120 मीटर हिस्से में पीक्यूसी (पेऊमन क्वालिटी कंकरीट) रोड बनाई जा रही है। इसके अलावा पहाड़ी से भूस्खलन को रोकने के लिए सेल्फ ड्रिलिंग एंकर करने के बाद ग्रोटिंग की जा रही है। इसके बाद बाहर से लोहे की डबल जाली बिछाई जा रही है। हिल साइड गेविंग वॉल बनाई जा रही है और गदेरे के मुहाने पर कल्वर्ट बनाया जा रहा है। इस काम में यहां करीब 100 मजदूर लगे हुए हैं।

पाताल गंगा- यहां सिंगल लेन सड़क पर गुजरेंगे यात्रा वाहन
बदरीनाथ हाईवे पर ज्योतिर्मठ से करीब 17 किमी पहले पाताल गंगा में भूस्खलन वाली चट्टान की तलहटी में वर्ष 2022 में करीब 90 मीटर लंबी सुरंग निर्मित की गई थी। विगत वर्ष यात्राकाल में सुरंग के मुहाने पर चट्टान से फिर भूस्खलन शुरू हो गया। जिससे सुरंग को भी नुकसान पहुंचा है। अब सुरंग का सुधारीकरण कार्य चल रहा है। यात्राकाल में भी यह काम जारी रहेगा। जिससे यात्रा वाहन सुरंग के बाहर बनाई सिंगल लेन सड़क से गुजरेंगे। सुरंग के दोनों ओर से पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। यात्राकाल में वाहनों का अधिक दबाव रहता है, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

बिरही चाड़ा
बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी के समीप बिरही चाड़ा में झूलती चट्टानों के बीच से ही वाहनों की आवाजाही हाेगी। यहां करीब 40 मीटर हिस्से में ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत कोई काम नहीं हुआ है, जिससे यहां भी सिंगल लेन से ही वाहनों की आवाजाही हो रही है। यहां भी वाहनों का अधिक दबाव होने पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पिछले एक वर्ष में यहां कोई काम नहीं किया गया है। जिससे यहांं पर दुश्वारियां बरकरार हैं। अभी तक यहां सुरक्षा के लिए कोई साइन बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं। पुलिस विभाग की ओर से चाड़े के दोनों ओर से पुलिस जवानों की तैनाती की जाएगी।

ज्योतिर्मठ से मारवाड़ी तक चकाचक होगा हाईवे
बदरीनाथ हाईवे पर ज्योतिर्मठ से मारवाड़ी तक डामरीकरण की तैयारी है। हाईवे पर पत्थर बिछाने का काम पूरा हो गया है। अब बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) डामर बिछने जा रहा है। ज्योतिर्मठ के नृसिंह मार्ग और मुख्य बाजार की सड़क पर भी डामर बिछा दिया गया है। हेलंग से ज्योतिर्मठ (12 किमी) तक हाईवे पर डामरीकरण कार्य पूर्ण हो गया है। झड़कुला में मोटर पुल निर्माणाधीन होने से यहां करीब 150 मीटर हिस्से में हाईवे बदहाल बना हुआ है। यात्रा शुरू होने तक यहां डामर नहीं बिछाया गया तो श्रद्धालुओं को धूलभरी यात्रा करनी पड़ सकती है। साथ ही बरसात में कीचड़ से फिसलन होगी।

सार्वजनिक शौचालय बदहाल
बदरीनाथ हाईवे पर विगत वर्षों में स्थापित किए गए शौचालय बदहाल स्थिति में हैं। पाखी और लंगसी में सार्वजनिक शौचालय गंदगी से भरे हैं। यहां पानी की व्यवस्था भी नहीं की गई है। पागलनाला से हेलंग के बीच अभी तक अस्थाई शौचालय भी नहीं बनाए गए हैं। जबकि बरसात में इसी क्षेत्र में श्रद्धालु जाम में फंसे रहते हैं। जिससे उन्हें सार्वजनिक शौचालय न मिलने से परेशान होना पड़ता है। पाखी में गरुड़ मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगा वाटर एटीएम भी बंद पड़ा हुआ है।

बदरीनाथ हाईवे को बेहतर स्थिति में लाने के प्रयास किए गए हैं। भूस्खलन क्षेत्रों को सुरक्षित करने का काम किया जा रहा है। अधिकांश जगहों पर डामरीकरण कार्य पूरा हो गया है। भूस्खलन क्षेत्रों में ट्रीटमेंट के साथ ही डामरीकरण कार्य शुरू कर दिया गया है। तीर्थयात्रा के लिए हाईवे को सुरक्षित किया जा रहा है। -अजय बत्रा, महाप्रबंधक, एनएचआईडीसीएल, नंदप्रयाग, चमोली

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