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मदरसे में तालीम, हिंदुओं से नफरत; ये है पाकिस्तान के ‘मुल्ला जनरल’ की पूरी कुंडली

जनरल आसिम मुनीर… यह नाम अब तक तो आपको याद हो चुका होगा। जी हां, यह पाकिस्तानी सेना का सेनाध्यक्ष है और इन दिनों गीदड़ भभकियां देने में व्यस्त है। भारत और हिंदू बयानों के जरिये वह पाकिस्तानी आवाम का दिल जीतने की कोशिशें कर रहा है।

पहलगाम हमले कुछ दिनों पहले इस्लामाबाद में आयोजित ओवरसीज पाकिस्तानी सम्मेलन में भी वो हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल चुका है। उसने कहा था, ‘हम (पाकिस्तानी) हर मायने में हिंदुओं से अलग हैं।’ इसी कार्यक्रम में उसने टू नेशन थ्योरी, बलूचिस्तान और कश्मीर का जिक्र भी किया था। कश्मीर को मुनीर ने पाकिस्तान के ‘गले की नस’ कहा था। उसने यह भी कहा था कि, ‘हम अपने कश्मीरी भाइयों को अकेला नहीं छोड़ेंगे।’

इसके बाद पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने एक कायराना हरकत को अंजाम दिया, जिसके बाद से पूरी दुनिया उसे धिक्कार रही है। खुद को अलग-थलग पड़ता देख सहमे हुए मुल्क के नेता और आर्मी चीफ आए दिन कुछ न कुछ बेसिर-पैर के बयान दे रहे हैं।

खैर, ये तो बात हुई एक फेल नेशन और उसकी व्यवस्था की। अब बात करते हैं आसिम मुनीर की। क्या आप जानते हैं कि एक इमाम का बेटा आखिर पाकिस्तान की सबसे ताकतवर कुर्सी पर कैसे बैठ पाया? ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि जिस कुर्सी पर मुनीर बैठा है, वहां से पाकिस्तान की पूरी सरकार को कंट्रोल किया जाता है।

अपनी कुर्सी बचाने और खुद को ताकतवर साबित करने के चक्कर में इस आदमी ने कश्मीर का राग पकड़ रखा है। इसकी वजह से क्षेत्रीय असंतुलन भी डगमगाया हुआ है।

भले ही इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, लेकिन इस हमले के पीछे पाकिस्तान सेना का हाथ बताया जा रहा है। दुनिया जानती है कि इन आतंकियों को गुलाम कश्मीर में ट्रेनिंग दी जाती है। आतंकियों को हथियार और वित्तीय मदद करने का काम पाकिस्तान की सेना और ISI करती है।

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान हर दिन खौफ के साये में जी रहा है। पड़ोसी मुल्क को डर है कि भारत की सेना कभी भी पाकिस्तान पर हमला कर सकती है।

ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल से किया ग्रेजुएशन
देश के बंटवारे के बाद मुनीर के पिता जालंधर से रावलपिंडी चले गए थे। साधारण परिवार में जन्मे मुनीर के पिता एक स्कूल के प्रिंसिपल और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। मुनीर ने शुरुआती पढ़ाई रावलपिंडी के इस्लामिक मदरसे दार-उल-तजवीद में की। उसके मन में बचपन से ही धार्मिक कट्टरता की भावना पैदा हो गई।

इसके बाद साल 1986 में उसने मंगला के ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल से ग्रेजुएशन किया। मुनीर को फिर Frontier Force Regiment की 23वीं बटालियन में कमीशन मिला। उसने 25 अप्रैल 1986 को अपना सैन्य करियर शुरू किया था।

ISI और मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख के रूप में किया काम
लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में मुनीर ने सियाचिन ग्लेशियर में भी सर्विस दी है। ब्रिगेडियर रहते हुए उसने पाकिस्तान की आई स्ट्राइक कोर मंगला के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया। वो पाकिस्तान के इतिहास में एकमात्र सेना प्रमुख है, जिसने पाकिस्तान की दोनों प्रमुख सैन्य खुफिया एजेंसियों, ISI और मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख के रूप में काम किया है ।

कमर जावेद बाजवा का था वफादार
जब मुनीर फोर्स कमांड उत्तरी क्षेत्रों में एक ब्रिगेडियर के रूप में सेवा कर रहा था, तब पाकिस्तान के तत्कालीन आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा का ध्यान उसपर गया था। बाजवा को वो बेहद खास बन गया। मुनीर को सेना प्रमुख बनाने में बाजवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नवंबर 2022 में बाजवा ने उसे सेना प्रमुख बनाया।

सिर्फ आठ महीनों तक ही रहा ISI चीफ
हालांकि, जनरल आसिम मुनीर सिर्फ आठ महीनों तक पाकिस्तान की ISI का प्रमुख था। बता दें कि जब फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमला हुआ था तो उस दौरान वो ही ISI चीफ था।

सुरक्षा मामलों के जानकार बताते हैं कि इस नापाक हरकत में भी पाकिस्तान सेना का ही हाथ था। हालांकि, बतौर ISI चीफ, उसका कार्यकाल पाकिस्तान के इतिहास में सबसे छोटा कार्यकाल रहा है।

बता दें कि जब उसे ISI चीफ बनाया गया था तो इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। दोनों एक दूसरे की आंखों में खटकते थे। इमरान खान के कहने पर उसका तबादला करा दिया गया। वजह थी इमरान खान की बीवी। दरअसल, मुनीर चाहता था कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामलों की जांच हो।

पाक चीफ को क्या कहा जाता है ‘मुल्ला मुनीर’ ?
पाकिस्तान में अब तक जितने भी सेना प्रमुख हुए हैं, जनरल मुनीर उसमें सबसे अलग है। वो न सिर्फ धार्मिक रूप से बहुत कट्टर है, बल्कि हिंदुओं से नफरत करता है, इसलिए उसे ‘मुल्ला मुनीर’ कहा जाता है। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व विशेष सचिव रामनाथन कुमार ने कहा है कि जनरल मुनीर को कुरान पूरी तरह याद है।

पाकिस्तान के लोगों को मुनीर से है नफरत
आर्मी चीफ बनने के बाद उसने इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। साल 2024 में हुए आम चुनाव में सेना की दखल की वजह से इमरान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार नहीं बना सकती। पीटीआई के कार्यकर्ता जनरल मुनीर को पसंद नहीं करते।


जब से आसिम मुनीर का आर्मी चीफ बना है तब से गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय लोग सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बलूचिस्तान में लोग खुलकर पाकिस्तान सेना का विरोध कर रहे हैं।

वहां के लोगों का कहना है कि मुनीर के इशारों पर पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान के लोगों पर अत्याचार कर रही है। पहलगाम हमले के हजारों सैनिकों और कई अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी #MunirOut ट्रेंड करता रहता है।


मुनीर की गीदड़भभकी
पहलगाम हमले के बाद यह अफवाह उड़ी की मुनीर रावलपिंडी के बंकर में छिप गया है। वहीं, शनिवार (3 मई) को खबर सामने आई कि उसने कोर कमांडरों की विशेष बैठक बुलाई है। मुनीर को डर है कि भारत की सेना कड़ी कार्रवाई करने वाली है।

वह भारत को गीदड़भभकी दे रहा है कि अगर भारत ने हमला किया तो पाकिस्तान की सेना भी कड़ी कार्रवाई करेगी, लेकिन सच्चाई ये है कि पाकिस्तान की जनता ही मुनीर की दुश्मन बन चुकी है।

अमेरिका ने मुनीर की तुलना लादेन से की
अमेरिका के रक्षा विभाग का मुख्यालय, पेंटागन के अधिकारी माइकल रुबिन ने मुनीर की तुलना आतंकी ओसामा बिन लादेन से किया था।


रुबिन ने कहा था, रुबिन ने कहा था, ”अमेरिका को केवल यही प्रतिक्रिया करनी चाहिए कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करें और असीम मुनीर को आतंकवादी घोषित करे। ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर में केवल इतना अंतर है कि ओसामा बिन लादेन गुफा में रहता था और असीम मुनीर महल में रहते हैं। लेकिन इसके अलावा, दोनों एक जैसे हैं और उनका अंत भी लादेन जैसा होना चाहिए।”

अमेरिका-चीन के आगे गिड़गिड़ा रहा पाकिस्तान
पहलगाम हमले पर कुछ इस्लामिक देशों को छोड़कर दुनिया के ज्यादातर देश भारत के साथ खड़ा है। शहबाज सरकार अमेरिका , चीन से लेकर इस्लामी सहयोग संगठन के सामने गिड़गिड़ा रहा है कि भारत की सेना हम पर कार्रवाई करने वाली है। दोनों देशों के बीच कोई मध्यस्थता कराए, लेकिन इस बार पाकिस्तान पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुका है।

भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक चार बार लड़ाई हो चुकी है और हर बार पाक को मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तान को डर है कि इस बार अगर युद्ध हुआ तो भारत उससे गुलाम कश्मीर न छीन ले क्योंकि देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कहते आए हैं कि अगर पाकिस्तान गुलाम कश्मीर को लौटा दे तो कश्मीर का मामला पूरी तरह हल हो जाएगा।

पहलगाम हमले के बाद भारत अब निर्णायक कार्रवाई करने की प्लानिंग कर रहा है। वहीं, खबर सामने आई है कि मुनीर ने अपने परिवार के सदस्यों को विदेश भेज दिया है। मुनीर को एहसास हो गया है कि इस बार भारत कुछ बड़ा करने वाला है।

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