आतंकवादी हमलों का जवाब देने की भारत की नीति में आया बदलाव, सटीक हमलों से पस्त पाक

पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाए जाने और उसके बाद पाकिस्तानी आक्रमण को प्रभावी ढंग से विफल करने के बाद लंदन स्थित एक प्रमुख सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा है कि आतंकवादी हमलों का जवाब देने के मामले में भारत सरकार की नीति में बदलाव आया है। अब नीतिगत रुख यह है कि अपने क्षेत्र में आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह बनाने से रोकने में विफलता ही सैन्य कार्रवाई के लिए पर्याप्त है।
आतंकवादी हमलों को लेकर भारत सरकार की नीति में बदलाव
एक साक्षात्कार में किंग्स कालेज लंदन में अंतरराष्ट्रीय संबंध के वरिष्ठ व्याख्याता और सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. वाल्टर लैडविग ने कहा कि भारतीय वायु सेना की कमोबेश सटीकता से विभिन्न लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता का प्रमाण काफी प्रभावशाली है। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि आतंकवादी हमलों को लेकर भारत सरकार की नीति में बदलाव आया है।
आतंकियों को रोकने के लिए सैन्य कार्रवाई
आगे बोले कि अतीत में हमने देखा कि सरकारों को डोजियर तैयार करने या आतंकियों से संबंधों के साक्ष्य देने की आवश्यकता महसूस हुई। अब यह नीतिगत रुख अपनाया जा रहा है कि आतंकी संगठनों को आपके क्षेत्र में सुरक्षित पनाहगाह बनाने से रोकने में विफलता सैन्य कार्रवाई के लिए पर्याप्त है।
लैडविग ने कहा कि इस्लामाबाद द्वारा दिखाई गई आक्रामकता के बाद भारत पाकिस्तान की तुलना में अधिक व्यापक लक्ष्यों पर हमला करने और मिशनों को अंजाम देने में सफल रहा। भारतीय वायु सेना ने मानक सैन्य प्रक्रियाओं के अनुसार काम किया और कमोबेश सटीक रूप से कई लक्ष्यों पर हमला करने की उसकी क्षमता काफी प्रभावशाली थी।
भारत-पाकिस्तान विवाद को सुलझाने में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं
लैडविग ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों के विपरीत भारत-पाकिस्तान विवाद को सुलझाने में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। भारत ने साफ कर दिया है कि कोई मध्यस्थता नहीं हुई है। अमेरिका ने इस संकट में शांति स्थापित करने का दावा किया है।