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अब मिनटों में तय होगा लक्सर और रुड़की के बीच का सफर, आरओबी का निर्माण होगा जल्द शुरू

वाहन चालकों के लिए लक्सर-रुड़की के बीच का सफर अब सुहाना होने जा रहा है। बहादरपुर रेलवे फाटक पर प्रस्तावित रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की कवायद अब अंतिम दौर में पहुंच गई है। आरओबी बनने के बाद लक्सर से रुड़की की दूरी घंटों के बजाय मिनटों में तय होगी।

लक्सर-रुड़की मार्ग पर रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। प्रमुख कुंभ, अर्द्धकुंभ, कांवड़ यात्रा और प्रमुख स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को भी हाईवे से डायवर्ट कर इसी मार्ग से हरिद्वार भेजा जाता है। लक्सर – रुड़की के मध्य तीन रेलवे क्राॅसिंग पड़ते हैं। इनमें डोसनी फाटक पर आरओबी बन चुका है।

टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी
ढंढेरा और बहादरपुर रेलवे फाटक पर आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है। ढंढेरा और बहादरपुर रेलवे क्राॅसिंग पर अक्सर वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है। ट्रेनों के आवागमन के दौरान क्राॅसिंग बंद रहने से यहां राहगीरों को काफी देर तक इंतजार करने के अलावा जाम से जूझना पड़ता है।

इनमें बहादरपुर रेलवे क्राॅसिंग पर आरओबी निर्माण की कवायद अंतिम दौर में पहुंच गई है। लोनिवि ने आरओबी के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी है। रेलवे आरओबी निर्माण पर पहले ही सहमति जता चुका है। इसके बाद अब शासन से स्वीकृति मिलते ही आरओबी निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
15 से 20 मिनट में तय होगी दूरी

लक्सर और रुड़की के बीच की दूरी लगभग 22 किमी है। सामान्य गति से इस दूरी को तय करने में वाहन चालकों को 30 से 40 मिनट का समय लगता है। रेलवे क्राॅसिंग बंद होने या जाम के कारण 22 किमी की इस दूरी को तय करने में ही एक से डेढ़ घंटे तक का समय लग जाता है। आरओबी बनने पर यह दूरी 15 से 20 मिनट में तय होगी।

44 करोड़ की लागत, 800 मीटर होगी लंबाई
लोक निर्माण विभाग की ओर से डिजाइन किए गए प्रस्तावित रेलवे ओवरब्रिज की लंबाई 800 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है। आरओबी के दोनों ओर करीब 500 मीटर की एप्रोच रोड बनेगी जबकि रेलवे लाइन के ऊपर के हिस्से की लंबाई 37 मीटर होगी। पैदल आवागमन करने वालों के लिए पुल के एक ओर फुटपाथ और सीढ़ियां बनाई जाएंगी। आरओबी निर्माण के लिए लगभग 44 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।

बहादरपुर में आरओबी निर्माण के लिए रेलवे की सहमति मिलने के बाद इस्टीमेट तैयार कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। -अनिल कुमार सैनी, एई लोनिवि, लक्सर डिवीजन

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