वाराणसी: काशी में पहली बार 3000 मंत्रों से चिकित्सा शुरू, पहले दिन पहुंचे 42 मरीज

21 दिवसीय मंत्र चिकित्सा शिविर में तीन हजार मंत्रों से रोगियों की चिकित्सा होगी। रोजाना तीन घंटे 14 मिनट के सत्र में मंत्र विशेषज्ञों ने रोगियों को रोग के अनुसार मंत्रों का जाप आरंभ किया।
मंत्रों की शक्ति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए काशी में पहली बार मंत्र चिकित्सा की शुरुआत हुई है। 21 दिवसीय मंत्र चिकित्सा शिविर में तीन हजार मंत्रों से रोगियों की चिकित्सा होगी। रोजाना तीन घंटे 14 मिनट के सत्र में मंत्र विशेषज्ञों ने रोगियों को रोग के अनुसार मंत्रों का जाप आरंभ किया। सुबह डेढ़ घंटे और शाम को डेढ़ घंटे के सत्र में ध्यान, योग और प्राणायाम के साथ मंत्र चिकित्सा आरंभ हुई। पहले दिन 42 मरीज पहुंचे।
नव भारत निर्माण समिति ऑर सनातनम द फायर की ओर से रविवार को शुद्धिपुर स्थित ऋषिव वैदिक अनुसंधान, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में मंत्र चिकित्सा का शिविर आरंभ हुआ। ऑटिज्म से पीड़ित तीन बच्चों के लिए शुक्र के मंत्रों का जाप किया गया। मंत्र विशेषज्ञ राजगीर से अमृतेश कुमार भास्कर ने हाइपर एक्टिविटी को नियंत्रित करने के लिए जैन मंत्रों के साथ बीज और आयुर्वेदिक मंत्रों का जाप किया।
उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान चिकित्सा के लिए तीन हजार मंत्रों का जाप किया जाएगा। मंत्रों के जरिये नकारात्मक सोच और भूतकाल में जीने वालों की सोच को सही दिशा में लगाया जा सकता है। योग, ध्यान और प्राणायाम के साथ रोजाना मंत्रों की चिकित्सा होगी। अलग-अलग रोगों के लिए तीन हजार मंत्र तैयार किए गए हैं। रोगियों को उनके रोग के हिसाब से मंत्र चिकित्सा दी जाएगी। सबसे खास बात यह है कि ये सभी मंत्र प्राकृत भाषा में हैं।
सुबह की शुरुआत हो रही मंत्रों से
सचिव बृजेश सिंह ने बताया कि शिविर में रोजाना सुबह पहले 15 मिनट ऊं एवं वैदिक गायत्री मंत्र का जाप और ध्यान कराया जा रहा है। इसके बाद मंत्र विशेषज्ञ रोगियों के रोग के अनुसार मंत्रोच्चार करते हैं। रोगी को 30 मिनट तक ध्यान की अवस्था में मंत्रों को सुनना है। इसके बाद हर रोगी को पांच मिनट तक मंत्र का जाप कराया जा रहा है और उसके बाद ध्यान। मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार व्यक्तिगत सेशन भी चल रहा है।