
झारखंड में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को लेकर राज्य कांग्रेस एक व्यापक योजना तैयार करने जा रही है। इस दिशा में पहला बड़ा कदम 11 जून को होगा, जब पार्टी की ओर से राज्य स्तरीय बैठक बुलाई गई है। यह जानकारी सोमवार को झारखंड के वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राधाकृष्ण किशोर ने प्रेस को संबोधित करते हुए दी।
‘एससी समुदाय की स्थिति चिंताजनक, नई रणनीति की जरूरत’
किशोर ने कहा कि झारखंड में अनुसूचित जातियों की आबादी लगभग 50 लाख है, लेकिन आज भी उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है। उन्होंने बताया कि भले ही राज्य का प्रति व्यक्ति आय आंकड़ों में 1.05 लाख रुपये प्रतिवर्ष बताया जा रहा है, लेकिन ज़मीनी सच्चाई यह है कि गरीब तबके और एससी समुदाय की औसत आय इससे बहुत कम लगभग 60,000 रुपये सालाना ही है। उन्होंने कहा कि यह समय गंभीर विमर्श का है। अनुसूचित जाति समुदाय को सिर्फ वादों से नहीं, बल्कि ठोस योजनाओं और नीतियों के जरिए सशक्त बनाया जाना चाहिए।
वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में होगा रणनीतिक संवाद
11 जून को होने वाली बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के. राजू, सह-प्रभारी डॉ. बेला प्रसाद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम और झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश सहित कई वरिष्ठ नेता और एससी समुदाय के कार्यकर्ता शामिल होंगे। बैठक का उद्देश्य राज्य में अनुसूचित जातियों के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लिए एक ठोस रोडमैप बनाना है, ताकि दीर्घकालिक सुधार सुनिश्चित किया जा सके।
बीजेपी सरकार पर लगाया आरोप
किशोर ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अनुसूचित जाति समुदाय को केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया, लेकिन उनके हित में कोई ठोस काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने तो सलाहकार परिषद और आयोग की स्थापना की थी, लेकिन उसे कभी क्रियाशील नहीं बनाया। वह संस्थाएं केवल कागजों तक सीमित रह गईं।
उन्होंने बताया कि मौजूदा इंडिया गठबंधन सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। इसी बजट में अनुसूचित जाति समुदाय के लिए एक सक्रिय सलाहकार परिषद स्थापित करने की घोषणा की गई है, जो जनजातीय सलाहकार परिषद की तर्ज पर कार्य करेगी। साथ ही एससी आयोग को भी जल्द ही कार्यशील बना दिया जाएगा।