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Israel Iran Conflict: क्या है इजरायल का Operation Rising Lion

इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए। यह हमला गुरुवार रात को हुआ। इस हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और एक प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं।

हमले में ईरान के Revolutionary Guards के चीफ कमांडर हुसैन सलामी की भी मौत हो गई है। ईरान की मीडिया ने इसकी पुष्टि की है।

इजरायल को आशंका थी कि ईरान उस पर जल्द ही हमला करने वाला था। इजरायली अधिकारियों ने दावा किया कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच गया था। उसके पास कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध थी।

ईरान का उद्देश्य इजरायल को खत्म करना है: नेतन्याहू
इजरायल ने इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ (Rising Lion) नाम दिया है। इजरायल ने दावा किया है कि ईरान का उद्देश्य उसके देश के अस्तित्व को खत्म करना है। इजरायल ने अपनी रक्षा के लिए यह कार्रवाई की है।

हमले के बाद इजरायल के सैन्य प्रमुख ने कहा कि देश अपनी सभी सीमाओं पर पूरी तरह से तैयार है। वहीं, इजरायल ने अपने दुश्मनों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “हम सभी सीमाओं पर तैयार हैं। मैं चेतावनी देता हूं कि जो कोई भी हमें चुनौती देने की कोशिश करेगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

वहीं, इस कार्रवाई के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जब तक इजरायल अपना मिशन पूरा नहीं कर लेता तब तक कार्रवाई जारी रहेगी।

ईरान के परमाणु ठिकानों पर IDF ने किया हमला
द टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, ईरान के इस्फहान के नतांज शहर में विस्फोटों की आवाज सुनी गई है। यह एक परमाणु स्थल है। इस स्थान पर भारी तादाद में यूरेनियम के भंडार हैं।

इस कार्रवाई से हमारा कोई लेना-देना नहीं: अमेरिका
दूसरी ओर अमेरिका का कहना है कि इन हमलों ने उसका हाथ नहीं है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ईरान पर इजरायली हमले के बाद एक बयान में कहा,”आज रात, इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की। हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है। इजरायल ने हमें सलाह दी कि उसका मानना है कि यह कार्रवाई उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थी।”

उन्होंने आगे कहा कि इजरायल ने हमें जानकारी दी कि उनका मानना ​​है कि यह कार्रवाई उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थी। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रशासन ने हमारी सेनाओं की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं।

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