राजस्थानराज्य

थाने में हिरासत के दौरान युवक ने की आत्महत्या, थानाधिकारी समेत पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

जयपुर: वाहन चोरी के आरोप में हिरासत में लिए गए एक युवक ने थाने के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खुदकुशी की इस घटना पर पूर्व मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि मामले की पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए।

जयपुर के सदर थाना क्षेत्र में शनिवार को वाहन चोरी के संदेह में हिरासत में लिए गए युवक मनीष पांडेय ने थाने के एक कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मूलतः उत्तरप्रदेश निवासी मनीष जयपुर के मांग्यावास क्षेत्र में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ किराए के मकान में रह रहा था। बाइक चोरी के एक मामले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। खुदकुशी की घटना के बाद पुलिस मनीष को बनीपार्क स्थित सैटेलाइट अस्पताल लेकर गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने थानाधिकारी देवेंद्र वर्मा सहित पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है और इस पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। शव को एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है, जहां उत्तरप्रदेश से परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

इधर मृतक के परिजनों के साथ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने मोर्चरी के बाहर धरना दिया और सरकार से मृतक के परिवार को मुआवजा देने तथा दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। खाचरियावास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मोटर साइकिल चोरी के शक में मनीष को थाने लाकर कमरे में बैठाया गया, जहां उसकी मौत हुई। यदि मनीष ने पुलिस की दहशत में खुदकुशी की, तो भी पुलिस और सरकार जिम्मेदार हैं और अगर उसकी हत्या हुई है, तब भी पुलिस और सरकार ही जवाबदेह हैं।

उन्होंने कहा कि इस घटना की पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए और सरकार को पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आना चाहिए। यदि सरकार ने मदद नहीं की तो टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी। खाचरियावास ने चेतावनी दी कि यदि न्याय नहीं मिला तो वे सड़कों पर उतरकर परिजनों के साथ आंदोलन करेंगे। उन्होंने मांग की कि मृतक के परिवार को तुरंत मुआवजा दिया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो।

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