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उत्तराखंड: पंचायत चुनाव से रोक को हटाने का अनुरोध, सुनवाई आज

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर बीती सोमवार को हाईकोर्ट से लगी रोक को हटाने के लिए राज्य सरकार की ओर से सुनवाई के लिए प्रार्थना की गई। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने 25 जून (बुधवार) को दोपहर दो बजे सुनवाई करना तय कर दिया।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर बीती सोमवार को हाईकोर्ट से लगी रोक को हटाने के लिए राज्य सरकार की ओर से सुनवाई के लिए प्रार्थना की गई। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने 25 जून (बुधवार) को दोपहर दो बजे सुनवाई करना तय कर दिया। पहले 25 जुलाई को सुनवाई होना तय हुआ था।

राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को मेंशन कर हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई रोक पर सुनवाई के लिए मांग की गई। सरकार ने बताया कि नौ जून को आरक्षण निर्धारण से संबंधित जो नियमावली बनाई गई थी, उसका गजट नोटिफिकेशन 14 जून को हो गया था। किसी कारणवश गजट नोटिफिकेशन को हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के दौरान पेश नहीं किया जा सका था। हाईकोर्ट के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर की ओर से हाईकोर्ट में गजट नोटिफिकेशन की प्रति पेश की गई। इसके बाद कोर्ट अगले दिन सुनवाई के लिए तैयार हो गया। साथ ही तय किया कि इस मामले में एकलपीठ में दायर 15 से ज्यादा सभी याचिकाओं पर यही खंडपीठ एकसाथ सुनवाई करेगी।

यह है मामला
बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने बीती नौ जून को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव के लिए लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। इस कारण वे पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। वहीं कुछ अन्य याचिकाओं में कहा गया था कि उनके यहां लंबे समय से सीट आरक्षित नहीं हुई है। जबकि आरक्षित श्रेणी के लोगों की जनसंख्या भी अनारक्षित के बराबर है। ऐसे में उनका प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है। इसलिए दोबारा आरक्षण तय करना चाहिए।

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