दिल्लीराज्य

हाईकोर्ट की वकील को नौ दिनों तक बनाए रखा डिजिटल अरेस्ट, ठग लिए 3.29 करोड़

दिल्ली हाईकोर्ट की वकील सेक्टर-47 निवासी महिला (72) के लैंडलाइन की घंटी 10 जून को बजी। उन्होंने जैसे फोन उठाया, आवाज आई कि आपका नाम अवैध हथियारों की तस्करी, ब्लैकमेलिंग और जुआ में आया है। इसमें आपका आधार नंबर और बैंक खाते इस्तेमाल हो रहे हैं। इससे वह डर गईं। कॉलर ने उन्हें नौ दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। जब तक उन्हें पता चला कि यह जालसाजों की चाल है, तब तक उनके हाथ से 3.29 करोड़ रुपये निकल चुके थे।

जालसाजों ने उन्हें व्हाट्सएप कॉल पर डिजिटल अरेस्ट रखा और इस दौरान पांच अलग-अलग खातों में रकम मंगवाई। उनकी शिकायत पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। कॉल करने वाले ने पीड़िता से कहा कि वह भारत सरकार की एजेंसी से बात कर रहा है। मामले में जेल भी जाना पड़ सकता है। इस मामले में 25 अप्रैल को केस दर्ज हो चुका है।

इसके बाद ठगों ने शख्स को लाइन पर लिया और कहा कि इस मामले में एनओसी वही देंगे। इसके बाद जालसाजों ने व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर बात की। इसमें बैकग्राउंड में कुछ लोग पुलिस वर्दी में थे और पीछे का हिस्सा थाने जैसा लग रहा था। पूछताछ के क्रम में महिला के बैंक खातों और उसमें जमा राशि के बारे में जानकारी ली।

एफडी तोड़वाकर मंगाई रकम
ठगों ने महिला से कहा कि अपनी एफडी तुड़वा लें और सारी रकम बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दें। जालसाजों ने क्लीन चिट मिलने पर पूरी रकम वापस करने का वादा किया। इसके बाद महिला परेशान हो गईं।

इसके बाद नौ दिन तक जालसाजों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा और किसी को जानकारी न देने की हिदायत दी। महिला ने जालसाजों के बताए गए खाते में 3.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। आरोपियों ने अपना नाम शिव प्रसाद, प्रदीप सावंत और प्रवीण सूद बताया था।

Related Articles

Back to top button