झारखंडराज्य

झारखंड: केंद्र की अनदेखी पर भड़के वित्तमंत्री, बोले- बुजुर्गों को नहीं मिल रही पेंशन, कई योजनाएं अधर में

झारखंड के वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्र सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं की राशि केंद्र ने रोक रखी है, जिससे विकास कार्यों में गंभीर बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि वृद्धा पेंशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का पैसा न मिलने से आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है, और इसके लिए केंद्र सरकार की नकारात्मक सोच जिम्मेदार है।

जनता दरबार में वित्तमंत्री ने सुनी लोगों की व्यथा
सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने आम लोगों की समस्याएं सुनीं। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य का करोड़ों रुपये बकाया रखे हुए है, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में रुकावट आ रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा झूठा प्रचार कर रही है कि राज्य सरकार पैसा नहीं दे रही, जबकि असलियत यह है कि राज्य के हिस्से की राशि रोककर केंद्र विकास की राह में रोड़ा अटका रहा है।

वित्तमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अब टालमटोल नहीं सहन करेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता के कार्य समय पर निपटाएं, नहीं तो स्पष्ट जवाब दें कि कार्य क्यों नहीं हो सकता। जनता को बेवजह कार्यालयों के चक्कर लगवाना अब बंद होना चाहिए।

जनता के बीच सरकार को लेकर बन रहा है सकारात्मक संदेश’
जनता दरबार में उपस्थित केशव महतो कमलेश ने कहा कि इस पहल से जनता में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ रहा है, क्योंकि लोग देख रहे हैं कि मंत्री खुद सीधे संवाद कर रहे हैं और समाधान की दिशा में सक्रिय हैं।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने बताया कि जनता दरबार में कुल 49 मामले सामने आए, जिनमें बिजली, सड़क निर्माण, तालाब जीर्णोद्धार, अबुआ आवास और भूमि संबंधी समस्याएं शामिल थीं। वित्तमंत्री ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों से बात कर समस्याओं को त्वरित और समयबद्ध तरीके से हल करने का निर्देश दिया।

भू-अर्जन विवाद में भी तत्काल कार्रवाई
जनता दरबार में एक भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले ने भी ध्यान खींचा, जिसमें एक शिकायतकर्ता ने बताया कि एनएचएआई द्वारा अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दूसरी पत्नी को दे दिया गया, जबकि उसकी वैधानिक मान्यता नहीं थी। इस पर वित्तमंत्री ने तत्काल रांची के भू-अर्जन पदाधिकारी को फोन कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा, लेकिन अधिकारी ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया। इसके बाद मंत्री ने भू राजस्व सचिव को मामले से अवगत कराया, जिन्होंने तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

जनता दरबार में कांग्रेस नेता विनय सिन्हा दीपू, शशि भूषण राय, अभिलाष साहू, राजन वर्मा, नरेंद्र लाल गोपी और राजीव चौधरी भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर आम जन की समस्याएं सुनने और समाधान सुनिश्चित कराने में वित्तमंत्री की मदद की। वित्तमंत्री ने अंत में दो टूक कहा कि राज्य सरकार जनता के हितों से समझौता नहीं करेगी और जहां-जहां जरूरी होगा, केंद्र की असहयोग नीति के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।

Related Articles

Back to top button