अहमदाबाद विमान दुर्घटना: जांच रिपोर्ट तो आ गई, लेकिन अभी कुछ सवालों के जबाव हैं बाकी

अहमदाबाद में हुए भीषण विमान दुर्घटना को पूरा एक महीना हो गया। आज ही के दिन, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनट में एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत पर क्रैश होकर गिर गई थी। हादसे में 270 लोगों की बेहद दर्दनाक मौत हुई थी।
मरने वालों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी समेत 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है। 29 मेडिकल कॉलेज के छात्र व अन्य लोग थे। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की ओर से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ चुकी है।
अहमदाबाद में हुए भयावह हादसे के बाद एक महीने में क्या-क्या हुआ, यहां पढ़ें…
अहमदाबाद विमान हादसा
अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन।
दोपहर 1:38 बजे पर उड़ान भरी, 2:40 बजे क्रैश हो गया।
242 कुल यात्री सवार, इनमें 10 क्रू मेंबर और 2 पायलट थे।
241 की मौत, सिर्फ एक यात्री रमेश कुमार विश्वास जीवित बचा।
जांचकर्ताओं को हादसे के दूसरे दिन फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और तीसरे दिन कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) मिल गया था। अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है। विमान अमेरिकी कंपनी बनाती है, इसलिए अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड भी अलग से जांच कर रहा है।
दावा- अब तक विमान में नहीं मिली कोई खराबी
अहमदाबाद विमान हादसे की शुरुआती जांच में अभी तक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान और उसके जीई एयरोस्पेस इंजन में किसी तरह की तकनीक खराबी सामने नहीं आई है।
अमेरिकी समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विमान के दोनों इंजन में ईंधन की सप्लाई कंट्रोल करने वाले स्विच बंद कर दिए गए थे। इस कारण प्लेन के टेक ऑफ के तुरंत बाद इंजन में ताकत (thrust) खत्म हो गई। बता दें कि आमतौर पर पायलट इन स्विच को इंजन चालू करने, बंद करने या फिर किसी आपात स्थिति में रीसेट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
ब्लैक बॉक्स के डेटा में क्या दिखा?
अमेरिका की विमानन वेबसाइट दि एयर कंट्रोल की रिपोर्ट की मानें तो विमान के ब्लैक बॉक्स के शुरुआती डेटा में दोनों इंजन के फ्यूल स्विच के मूवमेंट की बात कही गई। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इंजन के फ्यूल स्विच में मूवमेंट पायलट गलती थी या तकनीकी खामी या फिर किसी और वजह से हुआ।
अमेरिका के विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन कॉक्स का कहना है कि यह स्विच इतना सेंसटिव नहीं होता है कि गलती से हाथ लगने से ऑन या ऑफ हो जाए। इस जमीन पर ही ऑन/ऑफ किया जा सकता है।
फ्यूल स्विच: कितना और क्यों अहम है?
ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजनों में कटऑफ और रन नाम की दो पोजिशन होती हैं। जब विमान में होता है, तब स्विच कटऑफ कर दिया जाए तो इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो जाता है। इससे इंजन की ताकत (थ्रस्ट) खत्म हो जाती है। विमान में बिजली सप्लाई भी रुक सकती है, जिससे कॉकपिट के कई उपकरण भी बंद हो सकते हैं। अहमदाबाद प्लेन क्रैश में लोगों का मानना है कि पायलट ने इमरजेंसी में फ्यूल स्विच दबाया होगा।
बोइंग की मानक प्रक्रिया (SOP) है- ‘ डुअल इंजन फेल होने पर पायलट का तुरंत एक्शन लेना होता है और दोनों स्विच को ऑन/ऑफ कर ईईसी को रीसेट करना होता है ताकि इंजन फिर से ऑन हो सके। इस प्रक्रिया को विंडमिल स्टार्ट कहते हैं। यानी कि अगर पायलट ने फ्यूल स्विच दबाया है तो जरूर इंजन में खामी आई होगी।
शुरुआती जांच रिपोर्ट के मुताबिक, विमान में इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जाने वाला RAT एअर टरबाइन एक्टिव था, जोकि इशारा करता है कि दोनों इंजन बंद हो गए थे। ऐसी सिचुएशन में इतनी कम ऊंचाई पर इंजन को फिर से ऑन करना बेहद मुश्किल है।
पायलट के बैकग्राउंट की समेत अन्य पहलुओं की होगी जांच
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में विमान उड़ाने वाले पायलट के बैकग्राउंड भी जांचे जा रहे हैं। दोनों पायलट – कैप्टन सुमित भररवाल के पास 8200 घंटे और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के पास 1100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल 28 जून को बताया था
प्लेन क्रैश की जांच हर एंगल से की जा रही है। साजिश की आशंका को भी खंगाला जा रहा है। क्रैश की वजह अभी पता नहीं चल पाई है। हादसा इंजन में खामी, फ्यूल सप्लाई में दिक्कत या फिर तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ। ब्लैक बॉक्स देश में ही है, उसे जांच के लिए विदेश नहीं भेजा गया है। अभी सीवीआर और एफडीआर की जांच हो रही है। सीसीटीवी फुटेज देख गए। एएआईबी के साथ कई एजेंसियां मिलकर जांच में जुटी हैं। 3 महीने के भीतर विस्तृत रिपोर्ट आ जाएगी।
एयर इंडिया के सभी ड्रीमलाइनर विमान की हुई जांच
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर ने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के आदेश पर एयर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच की गई। विमान पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं। लोग बिना डरे यात्रा कर सकते हैं।
12 जून की दोपहर क्या हुआ था?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा के मुताबिक, अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट ने 12 जून की दोपहर 1:39 बजे रनवे से उड़ान भरी। 650 फीट पर पहुंचते ही विमान में तकनीकी खामी आ गई, जिससे वह ऊंचाई पर नहीं जा पाया।
पायलट ने अहमदाबाद ATC को ‘Mayday, Mayday, Mayday’ (मेडे यानी आपातकालीन स्थिति) बोला। एटीसी ने विमान से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कुछ ही सेकंड में विमान एयरपोर्ट से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर क्रैश हो गया।
विमान हादसे में विजय रूपाणी समेत 169 भारतीय 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। यात्रियों में 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल हैं। बाकी 11 क्रू मेंबर्स थे। वहीं 29 लोग जमीन पर मारे गए। शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के बाद हो पाई थी।