
झारखंड में मानसून के दस्तक के साथ ही मूसलाधार बारिश और वज्रपात की घटनाएं लगातार जानलेवा साबित हो रही हैं। राज्य के चतरा और खूंटी जिले से रविवार को आकाशीय बिजली गिरने की दो अलग-अलग दर्दनाक घटनाएं सामने आईं, जिनमें कुल तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। सभी खेतों में धान की रोपाई के दौरान अचानक आसमान से गिरी बिजली की चपेट में आ गए।
चतरा में धान रोपाई के दौरान गिरी बिजली
पहली घटना चतरा जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत लोवागड़ा और लेम्ह गांव की है। रविवार शाम यहां तेज गर्जना और मूसलाधार बारिश के बीच अचानक गिरी आकाशीय बिजली ने खेतों में काम कर रही महिलाओं को अपनी चपेट में ले लिया।
लोवागड़ा गांव में अनिता देवी अपनी गोतनी सविता देवी के साथ खेत में धान की रोपाई में व्यस्त थीं। अचानक हुए वज्रपात में अनिता देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सविता देवी गंभीर रूप से झुलस गईं। दूसरी ओर, पास के ही लेम्ह गांव में गीता देवी भी खेत में रोपाई कर रही थीं। इसी दौरान आकाशीय बिजली गिरने से वे भी उसकी चपेट में आ गईं।
खूंटी के अड़की में बिजली गिरने से फिर मचा कोहराम
वज्रपात की दूसरी बड़ी घटना खूंटी जिले के अड़की प्रखंड से आई है, जहां आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। दोनों खेत में काम कर रहे थे, तभी अचानक मौसम बदला और देखते ही देखते बिजली आसमान से आ गिरी। दोनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंचकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को आपदा राहत कोष से मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी, खेतों में न जाने की अपील
राज्य में लगातार हो रही इन घटनाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने विशेष चेतावनी जारी की है। विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि फिलहाल झारखंड के कई जिलों में मूसलाधार बारिश के साथ-साथ वज्रपात की भी प्रबल संभावना बनी हुई है। उन्होंने बताया कि वर्षा के दौरान आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं आम हैं, लेकिन यदि समय रहते सावधानी बरती जाए तो इससे जानें बचाई जा सकती हैं। किसानों और ग्रामीणों से बार-बार अपील की जा रही है कि जब भी मौसम खराब हो, या बिजली कड़कने लगे, तो तुरंत खुले स्थानों और खेतों से दूर हट जाएं और किसी सुरक्षित स्थान में शरण लें।