जेन स्ट्रीट ने जमा कराया 4843 करोड़ का अवैध मुनाफा, क्या SEBI से फिर मिलेगी ट्रेडिंग की इजाजत?

अमेरिका की हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने भारतीय शेयर बाजारों में दोबारा ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सेबी (SEBI) से इजाजत मांगी है। इसके लिए कंपनी ने करीब 4843.50 करोड़ रुपये एक एस्क्रो अकाउंट में जमा भी कर दिए हैं।
ये रकम वही है जिसे सेबी ने बैंक निफ्टी इंडेक्स में हेरफेर करके हुए “अवैध मुनाफे” के तौर पर चिन्हित किया था। सेबी ने पहले एक अंतरिम आदेश में इस रकम को जब्त करने का निर्देश दिया था और कंपनी पर ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी।
अब जेन स्ट्रीट का कहना है कि उन्होंने ये राशि “बिना किसी पूर्वाग्रह” के जमा की है, यानी वे अब भी कानून के तहत अपने अधिकार सुरक्षित रखते हैं और कानूनी रास्ते अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे।
सेबी ने अपने बयान में कहा, “कंपनी ने मांग की है कि अब जब एस्क्रो अकाउंट बना दिया गया है, तो अंतरिम आदेश के तहत लगी कुछ शर्तों को हटाया जाए, जिससे उन्हें फिर से कारोबार करने की अनुमति मिल सके।”
कौन-कौन सी पाबंदियां हटवाना चाहती है Jane Street?
यदि Jane Street को फिर से ट्रेडिंग शुरू करनी है, तो सेबी को पांच बड़ी पाबंदियां हटानी होंगी।
शेयर बाजारों तक पहुंच और सौदों की अनुमति।
बैंक खातों से फंड ट्रांसफर करने की छूट।
कस्टोडियन को डेबिट की अनुमति।
डिपॉजिटरी से डेबिट की छूट।
RTA (रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट) को सिक्योरिटी ट्रांसफर और रिडेम्पशन की अनुमति।
Jane Street दुनियाभर में ऑप्शन्स, ETF और हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग के लिए जानी जाती है। इसके ऑफिस न्यूयॉर्क, लंदन, हांगकांग, सिंगापुर और एम्स्टर्डम में हैं। हाल ही में यह चर्चा में आई है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेबी की जांच पूरी होने और Jane Street को शो-कॉज़ नोटिस भेजे जाने में अब भी 6-9 महीने लग सकते हैं। तब तक उनके भारत में कारोबार पर सस्पेंस बना रहेगा।