
राजस्थान गवर्नेंट हेल्थ स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को प्राइवेट अस्पतालों में कैशलैस इलाज मिलता रहेगा। अगले 60 दिनों में पेंडिंग भुगतान रिलीज किए जाने की शर्त पर सरकार और प्राइवेट अस्पतालों में सहमति बन गई है।
राज्य सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के बीच आरजीएचएस के भुगतान को लेकर बना गतिरोध अब खत्म हो गया है। प्राइवेट अस्पतालों ने आरजीएचएस के तहत सरकारी कर्मचारियों के इलाज को जारी रखने की सहमति दी है। सोमवार को राजस्थान अलायंस हॉस्पिटल एसोसिएशन की ओर से सर्वेश जोशी, शिवराज सिंह राठौड़ समेत अन्य ने सचिवालय जाकर स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ से मुलाकात की और संगठन की मांगें रखीं।
प्रमुख सचिव ने मांगें सुनने के बाद योजना के तहत अस्पतालों के लंबित भुगतान को शीघ्र जारी करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई तक पेंडिंग भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जिन अस्पतालों में भुगतान को लेकर अनियमितता मिली है, उनकी जांच जारी रहेगी। सचिव के इस आश्वासन के बाद संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने 15 जुलाई से आरजीएचएस के तहत इलाज नहीं करने की घोषणा को वापस लेते हुए सेवाएं जारी रखने की बात कही।
जल्द क्लेम के लिए टीपीए का बढ़ेगा दायरा
संगठन के प्रतिनिधियों ने बताया कि मरीज के भर्ती होने के बाद उसके क्लेम का अप्रूवल मिलने में समय लगता है। इस पर सचिव ने थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) की संख्या बढ़ाने की बात कही। इन टीपीए की संख्या को 1 के बजाय 4 करने की बात कही है। बैठक में सचिव ने कहा कि 31 मार्च तक के भुगतान 31 जुलाई तक कर दिए जाएंगे और आगे से इस तरह की व्यवस्था बनाई जा रही है, ताकि कोई पेंडेंसी न रहे।