
वर्तमान में डीजेबी भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है क्योंकि केंद्र और दिल्ली सरकार की एजेंसियों पर कुल 63,019.2 करोड़ रुपये बकाया हैं।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के केंद्र और दिल्ली सरकार की एजेंसियों पर करीब 63,019 करोड़ रुपये बकाया हैं। सबसे ज्यादा दिल्ली नगर निगम से 26,147 करोड़ रुपये और 21,530.5 करोड़ रुपये रेलवे से वसूले जाने हैं। शुक्रवार को जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि इस राशि की वसूली से बोर्ड घाटे से बाहर आ सकता है।
वर्तमान में डीजेबी भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है क्योंकि केंद्र और दिल्ली सरकार की एजेंसियों पर कुल 63,019.2 करोड़ रुपये बकाया हैं। 14 जुलाई 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार की एजेंसियों पर 29,723.37 करोड़ और दिल्ली सरकार की एजेंसियों पर 33,295.79 करोड़ रुपये बकाया हैं।
जल बोर्ड का बकाया
केंद्र सरकार की एजेंसियां – 29,723.37
सीपीडब्ल्यूडी – 1,506.5
डीडीए – 372.8
दिल्ली पुलिस – 6,097
रेलवे – 21,530.5
दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी – 4.1
आईटीआई – 4.1
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय – 19.4
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग – 189.1
दिल्ली सरकार की एजेंसियां – 33,295.79
दिल्ली मेट्रो – 1.4
डीएसआईआईडीसी – 269
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) – 1.1
डीयूएसआईबी – 74.1
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) – 26,147
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) – 87.7
शिक्षा विभाग – 31.9
स्वास्थ्य विभाग – 6,684
पानी के ढांचे को बेहतर किया जा सकेगा : प्रवेश
जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि पानी की आपूर्ति सभी की जिम्मेदारी है। बकाया राशि को वसूलकर हम दिल्ली के पानी के ढांचे को और बेहतर कर सकते हैं। हम सभी पक्षों के साथ मिलकर इस समस्या का जल्द समाधान करेंगे। दिल्ली सरकार अब इस बकाया राशि को वसूलने के लिए योजना बना रही है ताकि जल बोर्ड को घाटे से बाहर निकाला जा सके।
राशि मिलने से जल बोर्ड को आर्थिक राहत मिलेगी जिससे वह पानी की आपूर्ति और सीवेज प्रबंधन को और बेहतर कर सकेगा। सरकार ने केंद्र से भी सरकारी एजेंसियों के बकाया भुगतान में मदद मांगी है। यह कदम दिल्ली के 2 करोड़ से ज्यादा निवासियों के लिए पानी की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में अहम है।