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बहादुरगढ़ में नहर में डूब रही भांजियों को बचाने के लिए मामा ने लगाई छलांग, तीनों की डूबने से मौत

ग्रामीण कृष्ण ने बताया कि नहर पर कपड़े धोते हुए पैर फिसलने से ये हादसा हुआ है। मृतक सुनील रोहद की प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करता था। शुक्रवार को उसकी छुट्टी थी। इसलिए शाम के वक्त वो अपनी बहन की बेटियों को साथ लेकर नहर पर कपड़े धोने आया था और हादसे का शिकार हो गया।

बहादुरगढ़ के रोहद और मांडौठी के बीच से गुजर रही एनसीआर नहर में डूबने से मामा और दो भांजियों की मौत हो गई। मामा का शव बरामद कर लिया गया है जबकि भांजियों के शव की तलाश अभी जारी है। दरअसल रोहद गांव में रहने वाला सुनील अपनी भांजियों रागिनी और उर्मी के साथ एनसीआर नहर पर कपड़े धोने के लिए गया था। कपड़े धोेते वक्त उसकी भांजियों का पैर फिसल गया और वो नहर में गिर गई।

भांजियों को बचाते हुए मामा सुनील भी नहर में कूद पड़ा और तीनों की डूबने से मौत हो गई। शाम से लेकर सुबह तक नहर में तीनों के शवों की तलाश की गई। सुबह गोताखोरों की टीम पहुंची और कुछ दूरी पर की मामा सुनील का शव बरामद कर लिया। पुलिस और गोताखोरों की टीम लगातार सर्च अभियान चलाए हुए हैं। ग्रामीण भी मौके पर सर्च अभियान में सहयोग कर रहे हैं । सर्च अभियान में जुटे गोताखोर हैड काॅंस्टेबल नरेन्द्र ने बताया कि बच्चियों की तलाश अभी जारी है।

ग्रामीण कृष्ण ने बताया कि नहर पर कपड़े धोते हुए पैर फिसलने से ये हादसा हुआ है। मृतक सुनील रोहद की प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करता था। शुक्रवार को उसकी छुट्टी थी। इसलिए शाम के वक्त वो अपनी बहन की बेटियों को साथ लेकर नहर पर कपड़े धोने आया था और हादसे का शिकार हो गया। नहर किनारे तीनों की चप्पल और कपड़े भी पड़े हुए मिले है। 7 साल की रागिनी और 10 साल की उर्मी के शव की तलाश जारी है।

बता दें कि एनसीआर नहर में नहाने उतरे लोग भी हादसे का शिकार हो चुके हैं जिसके कारण प्रशासन समय समय पर नहर में कपड़े धोने और नहाने पर प्रतिबंद्ध लगाता है और चेतावनी भी जारी करता रहा है, बावजूद इसके लोग गहरी नहरों में भी नहाने और कपड़े धोने से बाज नही आ रहे जिसके कारण आज भी हादसे लगातार हो रहे हैं।

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