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LIC और सरकारी बैंकों के शेयर बेचेगी सरकार, क्यों घटाना चाहती है हिस्सेदारी

केंद्र सरकार, एलआईसी और सरकारी बैंकों में विनिवेश की प्रक्रिया को तेज कर सकती है। मिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम और कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना बना रही है। दरअसल, इन संस्थानों में केंद्र सरकार की मौजूदा हिस्सेदारी, मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की तय सीमा से ज्यादा है।

हालाँकि, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे सरकार के मैजोरिटी स्टैक और मैनेजमेंट कंट्रोल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। रकार मर्चेंट बैंकरों के साथ तीन साल की अवधि के लिए अनुबंधों पर विचार कर रही है, जिसमें दो साल की अतिरिक्त अवधि का विकल्प भी शामिल है।

सरकारी बैंकों में बिक्री 2026 के बाद
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएसबी की बिक्री 2026 के बाद हो सकती है, और सरकार द्वारा 2027 तक एलआईसी के लिए सेबी के मानदंडों को पूरा करने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पूंजी जुटाने के लिए अनुकूल बाजार स्थितियों का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।

इससे पहले जुलाई में खबर आई थी कि केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में ऑफर फॉर सेल को मंजूरी दे दी है, जिसका मकसद सरकार के विनिवेश टारगेट को हासिल करना है। फिलहाल, केंद्र के पास एलआईसी में 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बाकी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। सूत्र ने बताया कि कंपनी का बाजार पूंजीकरण 5.72 लाख करोड़ रुपये है और 1 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से भी सरकार को 5700 करोड़ रुपये तक का लाभ हो सकता है।

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