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धराली आपदा: लापता लोगों का पता लगाना बड़ी चुनौती…

धराली आपदा में अब मोबाइल की लोकेशन से लापता लोगों का पता लगाया जाएगा। नंबर के आधार पर संबंधित के मूवमेंट को देखा जाएगा। इसके बाद उसकी जांच होगी। आपदा के बाद से ही नेपाल, बिहार, राजस्थान आदि राज्यों से लोग अपनों की तलाश में धराली पहुंच रहे हैं। जो लापता लोगों के बारे में अलग-अलग दावे कर रहे हैं। धराली में पांच अगस्त को आई आपदा के बाद से अब तक 1308 यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

प्रशासन ने अब तक अधिकारिक रूप से 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन के मुताबिक लापता लोगों की पुष्टि के लिए मोबाइल की लोकेशन देखी जाएगी।

मोबाइल के टावर में सूचना रहती है। आपदा के दिन पांच अगस्त की सूचना को देखा जाएगा। अभी जो लोग अपनों के लापता होने का दावा कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से उसे दर्ज किया जा रहा है। उनकी ओर से अपने परिजनों का जो नंबर दिया गया है, उसके मूवमेंट को देखा जाएगा। मोबाइल नंबर के लिए दर्ज पते को भी देखा जाएगा। इसके बाद संबंधित जिलों से इसकी जांच कराई जाएगी।

ठेकेदारों के रिकॉर्ड को देखने के साथ ही विशेषज्ञों से भी सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। गृह सचिव शैलेश बगौली बताते हैं कि लापता लोगों की मोबाइल लोकेशन के साथ ही जिला प्रशासन से भी जांच कराई जाएगी।


लापता लोगों का पता लगाना बड़ी चुनौती
सेना, स्पेशल फोर्सेज, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ सहित कई केंद्रीय और राज्य एजेंसियां राहत और बचाव के काम में लगी हैं। शासन-प्रशासन के सामने लापता लोगों का पता लगाना बड़ी चुनौती है।

आम तौर पर कोई नहीं कहता कि आपदा में उनके परिजन लापता है या उनकी मौत हो गई है। यही वजह है कि प्रथम दृष्टया हम उसे सही मान लेते हैं। इसके बाद इसकी जांच कराई जाएगी।
विनोद कुमार सुमन, सचिव आपदा प्रबंधन

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