मध्यप्रदेशराज्य

सीएम यादव ने धोती-कुर्ता और सतरंगी पगड़ी पहन फहराया तिरंगा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में देशभक्ति से ओत-प्रोत प्रदेशवासियों ने उत्साह और उमंग के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। मुख्यमंत्री ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण कर निरीक्षण वाहन से परेड का अवलोकन कर सलामी ली। उन्होंने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।

मध्य प्रदेश में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ पर राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री कार्यक्रम में धोती-कुर्ता के साथ नारंगी जैकेट और सतरंगी पगड़ी पहनी थी। उन्होंने स्वंत्रता दिवस की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। साथ ही सरकार की उपलब्धियां गिनाई। साथ ही सीएम ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि जो जैसा, उसे वैसा ही जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहनों को दीपावली के बाद 1500 रुपए देने के अपनी घोषणा को भी दोहराया।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने स्पष्ट संदेश दिया कि वे राज्य के विकास के लिए किसी भी कीमत पर रुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने संकेत दिए कि राज्य के कल्याण में कोई भी बाधा विघ्न नहीं डाल सकेगी। गरीब-युवा-अन्नदाता-नारीशक्ति के लिए सरकार पूरी तरह संकल्पित है। इस मौके पर सीएम डॉ.यादव ने देश के साथ-साथ प्रदेश के जननायकों को भी याद किया। उन्होंने उन सभी योजनाओं के बारे में चर्चा की, जो जनता के कल्याण के लिए लागू की गई हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने जनता को बताया कि प्रदेश का बजट प्रदेश के विकास और समृद्धि के लिए तैयार किया गया है। उसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया। राज्य सरकार का लक्ष्य बजट को दोगुना करना है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 39 हजार वार्षिक से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 1 लाख 52 हजार हो गई है। सीएम डॉ.यादव ने अपने संदेश में रोजगार, पर्यटन, पर्यावरण से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक का जिक्र किया। उन्होंने देशभक्ति गीत गाकर देश के दुश्मनों को भी कड़ा संदेश दिया। इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को वीरता पदक से भी सम्मानित किया।

बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड ग्राउंड पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने संदेश की शुरुआत 79वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं के साथ की। उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में अनगिनत बलिदानियों का त्याग और तप शामिल है। स्वतंत्रता दिवस सभी ज्ञात-अज्ञात राष्ट्र प्रेमियों के स्मरण और उन्हें आदरांजलि अर्पित करने का दिन है। मध्यप्रदेश की माटी ऐसे अनगिनत जननायकों की जन्म-भूमि रही है, जिन्होंने मां भारती की रक्षा में सर्वस्व न्यौछावर किया है। हमारी स्वतंत्रता में टंट्या मामा, खाज्या नायक, राजा भभूत सिंह, राजा शंकरशाह, रघुनाथ शाह, चंद्रशेखर आजाद, तात्या टोपे जैसे वीरों का बलिदान और रानी दुर्गावती, रानी अवंतिबाई, रानी कमलापति, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं का शौर्य शामिल है।

विश्व ने देखी भारत की शक्ति और सामर्थ्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से विश्व ने भारत की शक्ति और सामर्थ्य दोनों देखा है। युद्ध में नई तकनीक को अपनाने की बात हो या सेना को आधुनिकतम अस्त्र-शस्त्र उपलब्ध करवाने का काम हो, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमने भारत की एकता और अखंडता पर कुदृष्टि डालने वालों को समझा दिया है कि, ‘जिस भाषा में जो समझे वो भाषा पूरी बोलेंगे, देश धर्म की खातिर हम तो बात जरूरी बोलेंगे, सौ-सौ नमन हमारे होंगे देश के वीर सपूतों को, जिनका शौर्य सुनाने को अक्षर सिंदूरी बोलेंगे…।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल के 11 वर्ष अभूतपूर्व उपलब्धियों के हैं। देश में पिछले 11 वर्षों में जहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत से प्रेरित होकर जन-केन्द्रित, समावेशी और सर्वांगीण प्रगति को प्राथमिकता दी गई है, वहीं भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था बना है। वर्तमान में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था है। शीघ्र ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बन जाएगा।

आत्म-निर्भर भारत कोई साधारण नारा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति हुई है, वहीं नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल की गई। आत्म-निर्भर भारत कोई साधारण नारा नहीं, यह 140 करोड़ भारतीयों का अटल संकल्प है। यह संकल्प है, अपने बलबूते खड़े होने का, नवाचार से अपनी जरूरतें पूरी करने का और अपनी क्षमता को विश्व के साथ साझा करने का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में यह मात्र सरकारी योजना नहीं, एक जीवंत जन-आंदोलन है। “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” का रास्ता स्वदेशी के प्रति समर्पण से ही होगा। देशवासियों को बस अपनी शक्ति और सामर्थ्य पहचानने की आवश्यकता है। आज मुझे ये कहते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारा मध्यप्रदेश उन करोड़ों भारतवासियों के उस संकल्प को पूर्ण करने का माध्यम बन रहा है, जिस स्वप्न को हम “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” कहते हैं। सीएम डॉ. यादव ने गीत गाया, ‘संकट तमाम झेले हैं, हम बाधाओं से खेले हैं, किसी ने साथ दिया कि नहीं दिया,पथ के पर्वत हमने धकेले हैं…।’

स्वदेशी से मिलेगी देश को नई पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस संकल्प का भी दिन है कि हमारा पुरुषार्थ और हमारा पराक्रम स्वदेश के हित में स्वदेशी को स्वीकारे और स्वदेशी का प्रसार करें। भारत की आत्मा में बसा “स्वदेशी” केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आत्म-निर्भरता और वैश्विक नेतृत्व का मंत्र है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘ लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के साथ हमें हर क्षेत्र-टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप, कृषि, ऊर्जा और रक्षा में स्वदेशी को आधार बनाना है। इसका अर्थ है कि हर उत्पाद हमारे कौशल, हमारे श्रम और हमारे संसाधनों से निर्मित हों। प्राकृतिक खेती से लेकर सेमीकंडक्टर मिशन तक, अंतरिक्ष अनुसंधान से लेकर स्वदेशी युद्धपोत निर्माण तक, हमें भारत को नवाचार और उत्पादन की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करना है। जिस तरह खादी के एक धा

मध्यप्रदेश पर बढ़ा है निवेशकों का विश्वास
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का वर्ष 2025-26 का बजट प्रदेश के विकास और समृद्धि के लिए तैयार किया गया है, जिसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया। राज्य सरकार का लक्ष्य बजट को दोगुना करना है। मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 39 हजार वार्षिक से बढ़कर वर्ष 2024-25 में एक लाख 52 हजार हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी (GYAN) के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने चार मिशन- युवा शक्ति, नारी सशक्तिकरण, किसान-कल्याण और गरीब कल्याण मिशन प्रारंभ किए हैं। युवा कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में गठित स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन के तहत कौशल विकास, प्रशिक्षण, नवाचार और शोध को बढ़ावा दिया जाएगा।

प्रदेश के सभी शासकीय विभागों में एक लाख पदों पर भर्तियां की जा रही हैं। आगामी पांच वर्ष में 2 लाख 50 हजार भर्तियां करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। देश के केन्द्र में स्थित होने के कारण सभी दिशाओं में आसान पहुंच, कच्चे माल की उपलब्धता, कुशल मानव संसाधन, लॉजिस्टिक सुविधा और उद्योग हितैषी 18 नितियों के क्रियान्वयन से निवेशकों का भरोसा मध्यप्रदेश पर बढ़ा है। निवेश हितैषी औद्योगिक इकोसिस्टम के कारण मध्यप्रदेश के निर्यात में 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। मध्यप्रदेश ने वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोज़गार वर्ष घोषित किया है। प्रदेश में 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद अब खनिज और पर्यटन जैसी विषयवार कॉन्क्लेव सम्पन्न की जा रही हैं। भोपाल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख आतिथ्य में अनंत संभावनाएं थीम पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का आयोजन किया गया।

निवेश और खेल में बड़ी उपलब्धियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश संवर्धन क्षेत्र में भी हमने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उद्योग संवर्धन नीति के तहत 5 हजार करोड़ से अधिक की सहायता उद्यमियों को दी गई है। साथ ही, 15 नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए 22 सौ करोड़ का निवेश किया गया है। प्रदेश में एक हजार औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन के लिए आशय पत्र और आवंटन आदेश जारी किए गए हैं, जिससे 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश एवं 93 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार प्राप्त होने की संभावना है। स्वदेशी अभियान “विकसित और आत्मनिर्भर” मध्यप्रदेश की आधारशिला रख रहा है। रायसेन जिले के उमरिया गांव में बीईएमएल आधुनिक रेल कोच कारखाने और धार जिले में पीएम मित्र पार्क के माध्यम से इन प्रयासों को बल मिलेगा।

धार में पीएम मित्र पार्क से मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल इंडस्ट्री में फॉर्म से फॉरेन तक नई दिशा मिलेगी। केन्द्र सरकार के जन विश्वास अधिनियम, 2023 का अनुसरण करते हुए मध्यप्रदेश, ने प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग और डूईंग बिजनेस के लिए जन विश्वास बिल पारित कर अधिसूचित किया है। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है। प्रदेश में 18 खेलों की 11 अकादमियां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में संचालित हैं। इनमें 80 प्रतिशत खिलाड़ी प्रदेश से और 20 प्रतिशत अन्य राज्यों से लिए जाते हैं, ताकि “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की भावना को बढ़ावा मिले। सीएम डॉ. यादव ने फिर इस गीत से अपना संदेश स्पष्ट किया, ‘कोई चलता पद चिन्हों पर, कोई पद चिन्ह बनाता है, बस वही सूरमा वीर पुरुष, दुनिया में पूजा जाता है…।’ वर्ष 2025-26 में हमारे होनहारों ने खेल के मैदान में शानदार प्रदर्शन किया है। खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 6 स्वर्ण, 9 रजत, 6 कांस्य और राष्ट्रीय स्तर पर 82 स्वर्ण, 65 रजत, 57 कांस्य पदक जीते हैं।

बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी
सीएम ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में बहनों को प्रतिमाह 1250 रुपए प्रदान किए जाते हैं। भाईदूज से यह राशि बढ़ा कर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दी जाएगी। लखपति दीदी की पहल से 10 लाख 74 हजार समूह सदस्यों के परिवार लखपति बने हैं। टेक्सटाईल सहित रोज़गार परक उद्योगों में हमने प्रतिमाह युवतियों एवं युवकों को पांच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का फैसला लिया है। वर्तमान में किसानों को 5 रुपए में बिजली का स्थायी कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। हमने 3 वर्षों में 32 लाख सोलर पंप उपलब्ध करा कर किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा है।

किसान भाईयों को 10 लाख कनेक्शन देकर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों से गेहूं समर्थन मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा गया है। मध्यप्रदेश में देश का सर्वाधिक प्रमाणित जैविक खेती क्षेत्र है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। प्रदेश के 14 लाख से अधिक किसानों के खातों में 1383 करोड़ रुपये फसल बीमा राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि उद्योग समागम 2025 एक नई पहल है। इस समागम का आयोजन किसानों की आय बढ़ाने, कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। मंदसौर में 3812 करोड़ रुपये के निवेश से 11 औद्योगिक इकायों का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ, जिससे 6850 लोगों को रोज़गार मिलेगा। इसी तरह तीन दिवसीय समागम का आयोजन नरसिंहपुर में किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में डेढ़ वर्ष में किसानों को कुल 46 हजार 700 करोड़ रुपये का वित्तीय समर्थन दिया गया।

देवड़ा ने जबलपुर और शुक्ल ने शहडोल में किया ध्वजारोहण
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने जबलपुर और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने शहडोल में ध्वजारोहण किया। मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह रतलाम, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय धार, मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भिण्ड, मंत्री राकेश सिंह नर्मदापुरम, मंत्री करन सिंह वर्मा मुरैना, मंत्री उदय प्रताप सिंह बालाघाट, मंत्री सम्पतिया उइके मंडला, मंत्री तुलसीराम सिलावट बुरहानपुर, मंत्री एदल सिंह कंषाना दतिया, मंत्री निर्मला भूरिया मंदसौर, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत नरसिंहपुर, मंत्री विश्वास सारंग खरगौन, मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ग्वालियर, मंत्री नागर सिंह चौहान अलीराजपुर, मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर शिवपुरी और मंत्री राकेश शुक्ला श्योपुर में ध्वजारोहण किया।

वहीं, मंत्री चैतन्य काश्यप राजगढ़, मंत्री इन्दर सिंह परमार दमोह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर सीहोर, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी खंडवा, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल सीधी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल बड़वानी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल मउगंज, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पंवार रायसेन, राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल बैतूल, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी डिंडोरी, राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार अनूपपुर और राज्यमंत्री राधा सिंह सिंगरौली में ध्वजारोहण किया।

यहां कलेक्टर्स ने किया ध्वजारोहण
इंदौर, झाबुआ, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, उज्जैन, देवास, विदिशा, शाजापुर, आगर मालवा, हरदा, नीमच, गुना, अशोकनगर, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, रीवा, मैहर, पांढुर्ना, छतरपुर, सतना एवं उमरिया जिले में संबंधित जिलों के कलेक्टर्स ने ध्वजारोहण किया।

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