राजस्थानराज्य

राज्य में शिक्षक सम्मान के नियम बदले, पूर्ववर्ती सरकार की एक और योजना पर चली कैंची

प्रदेश की भजनलाल सरकार ने पिछली गहलोत सरकार की एक और योजना में बदलाव कर दिया है। शिक्षक सम्मान को लेकर पिछली सरकार में 2019 में जो नियम बनाए गए थे उन्हें इस बार बदल दिया गया है। इस बदलाव के बाद सितंबर में होने वाले शिक्षक सम्मान समारोह में सम्मानित होने वाले शिक्षकों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत की कमी होगी।

भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की शिक्षक सम्मान योजना पर कैंची चला दी है। पिछली सरकार ने 2019 में शिक्षकों को सम्मानित करने के जो नियम बनाए थे, उन्हें बदल दिया गया है। अब शिक्षक सम्मान के लिए मैरिट राज्य स्तर पर ही बनेगी और इसी के आधार पर शिक्षकों का चयन होगा। प्रत्येक कैटेगिरी में टॉप 22 शिक्षक ही सम्मानित होंगे, जबकि इससे पहले 33 जिलों के आधार पर 99 शिक्षक सम्मानित हो रहे थे। इसके अलावा ब्लॉक स्तर पर दिए जाने वाले सम्मान को खत्म कर दिया गया है।

गौरतलब है कि पिछली सरकार में शिक्षक सम्मान योजना में जिला स्तर पर मैरिट तैयार होती थी। इसमें पहली से छठी, छठी से आठवीं और आठवीं से बारहवीं तक तीन श्रेणी बनाई गई थी। इनमें प्रत्येक श्रेणी में एक-एक शिक्षक का चयन हर जिले से होता था। इस तरह राज्य स्तर पर 99 शिक्षकों को सम्मानित किया जाता था, वहीं जिला स्तर पर टॉप रहने वाले शिक्षकों को प्रत्येक श्रेणी में एक-एक चयन के आधार पर सम्मानित किया जाता था। इसके बाद ब्लॉक स्तर पर भी इसी तरह मैरिट के आधार पर श्रेणीवार चयन किया जाता था। पिछली बार 358 ब्लॉक में हर श्रेणी में एक शिक्षक का चयन किया गया। इसमें राज्य स्तर पर 21 हजार रुपए, जिला स्तर पर 11 हजार रुपए और ब्लॉक स्तर पर 5 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाता था।

इस प्रकार राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर पर कुल मिलाकर एक हजार से ज्यादा शिक्षकों का सम्मान किया जाता था लेकिन इस बार बदले हुए नियमों से करीब 189 शिक्षकों का ही सम्मान किया जाएगा। यह सम्मान समारोह 5 सितंबर को आयोजित होगा। नियमों में किए गए इस बदलाव के बाद सम्मानित होने वाले शिक्षकों की संख्या में करीब 80 प्रतिशत की कमी होगी।

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