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भारत-चीन रिश्ते का ऐतिहासिक दिन, रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति करेगा ड्रैगन

अमेरिका से खटास भरे रिश्तों के बीच मंगलवार का दिन 2020 में गलवन झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों के लिहाज से ऐतिहासिक रहा।

भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग ई और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में हुई विशेष प्रतिनिधि स्तर की 24वीं वार्ता के दौरान भारत-चीन सीमा निर्धारण को लेकर एक विशेषज्ञ समूह का गठन करने का फैसला लिया गया।

जल्द खुलेंगी सीधी उड़ानें

इसके अलावा दोनों देशों के बीच सीमा व्यापार को पुन: खोलने, व्यापार और निवेश प्रवाह को सुगम बनाने के साथ-साथ सीधी उड़ानें जल्द से जल्द फिर से शुरू करने पर सहमति बनी।

रेअर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति होगी बहाल

इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर और वांग ई के बीच हुई बैठक के दौरान वांग ने भारत की तीन प्रमुख आर्थिक मांगों पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। इनमें उर्वरक आपूर्ति में आ रही बाधाओं को समाप्त करना, रेअर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति को बहाल करना और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए जरूरी टनल बोरिंग मशीन के आयात को शुरू करना शामिल हैं।

भारत और चीन ने अपने ठंडे पड़े रिश्तों को सुधारते हुए कई बड़े उपायों की घोषणा की। बैठक में मुख्य रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने, सैन्य तनाव को कम करने और आपसी भरोसे को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई।

सीमा निर्धारण को लेकर जल्द होगा समाधान

सीमा निर्धारण को लेकर जल्द से जल्द समाधान के लिए डब्ल्यूएमसीसी के तहत एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया जाएगा। साथ ही दोनों देश तीन व्यापार बिंदुओं लिपुलेख दर्रा, शिपकी ला दर्रा और नाथुला दर्रा के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से खोलने पर सहमत हो गए। दोनों देश अपने मुख्य शहरों से सीधी फ्लाइटें जल्द से जल्द फिर से शुरू करने पर भी सहमत हुए।

साथ ही दोनों तरफ से पर्यटकों, व्यवसायों, मीडिया और अन्य आगंतुकों के लिए वीजा की सुविधा देने पर भी एकमत हुए। डोभाल ने कहा कि पिछले अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिन¨फग की मुलाकात के बाद बनी सहमति ने दोनों देशों को नई दिशा दी है।

पीएम मोदी शीघ्र ही चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले नौ महीनों से सीमा पर शांति बनी हुई है और इससे दोनों देशों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति का अवसर मिला है। एनएसए ने यह जानकारी दी कि पीएम मोदी शीघ्र ही चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं।

यहा बता दें कि ट्रंप प्रशासन द्वारा अप्रैल 2025 में चीन व भारत समेत कई देशों के आयात पर रोक लगाने के निर्णय के बाद चीन ने भी अपने निर्यात पर कठोर नीतियां लागू की थीं।

चीन ने सबसे पहले रेयर अर्थ मैग्नेट और अन्य दुर्लभ धातुओं के निर्यात पर पाबंदी लगाई और उसके बाद बड़ी मशीनरी के निर्यात को भी सीमित कर दिया था। इस दौरान उर्वरक निर्यात को लेकर भी चीन ने अपने निर्यातकों को हतोत्साहित करना शुरू कर दिया, जिसका सबसे अधिक प्रभाव भारत पर पड़ा।

भारत की ऑटोमोबाइल कंपनियों को रेयर अर्थ मैग्नेट की जरूरत

भारत की ऑटोमोबाइल कंपनियां रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर हैं। इसी तरह से भारत में काफी तेजी से टनल यानी सुरंग खुदाई आदि का काम चल रहा है जो सड़क, हवाई अड्डे, ओवरब्रिज आदि से जुड़ी परियोजनाओं का हिस्सा हैं।

इन ढांचागत परियोजनाओं के लिए भारी मशीनरी की जरूरत होती है और हम पूरी तरह चीन पर निर्भर हैं। इनकी आपूर्ति बाधित होने से भारत की ढांचागत परियोजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। इन्हीं सब वजहों से भारत सरकार लगातार चीन से आग्रह कर रही थी कि वह इन उत्पादों की आपूर्ति को बाधित नहीं करे।

खनिजों की आपूर्ति बाधित न हो

सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने पहले भी कई बार इस मुद्दे को चीन के समक्ष उठाया है। सोमवार की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया, जिस पर चीन ने भारतीय पक्ष को आश्वासन दिया कि वह इन तीनों कठिनाइयों को दूर करने की कोशिश कर रहा है।

गौरतलब है कि अप्रैल-मई 2020 में भारत के पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के सैनिकों की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे। हालांकि, अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच कजान (रूस) में हुई मुलाकात के बाद से रिश्तों में सुधार हो रहा है।

चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए मानसरोवर जाने का रास्ता खोला

इसके बाद चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए मानसरोवर जाने का रास्ता खोला है और भारत ने चीन के नागरिकों को वीजा देना शुरू कर दिया है। डोभाल से बातचीत के दौरान वांग ई ने स्वीकार किया कि हाल के वर्षों में दोनों देशों के संबंधों में आई रुकावटें दोनों के हित में नहीं थीं। उन्होंने कहा कि अब समय है कि दोनों पक्ष भरोसा और सहयोग बढ़ाएं।

पीएम मोदी की चीन यात्रा को अत्यंत महत्वपूर्ण

वांग ई ने कहा कि चीन भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की आगामी चीन यात्रा को अत्यंत महत्वपूर्ण मानता है। मोदी तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं। डोभाल ने इस अवसर पर भविष्य में रचनात्मक संवाद को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।

इए जानते हैं क्या है रेयर अर्थ एलिमेंट (आरईई) और ये भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है…

क्या है आरईई

रेयर अर्थ एलिमेंट (आरईई) 17 विशेष रासायनिक तत्वों का समूह है, जिनमें लैंथनम, सीरियम, नियोडिमियम, प्रासियोडिमियम, और इट्रियम जैसे तत्व शामिल हैं। इन्हें रेयर या दुर्लभ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्हें पृथ्वी की सतह से निकालना और शुद्ध करना बेहद जटिल और महंगा है।

आरईई का उपयोग

इनका उपयोग सभी आधुनिक तकनीकी नवाचारों में किया जाता है, जैसे एआइ, जेन एआइ, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष अन्वेषण, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी और राकेट विज्ञान। ये उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्टि्रक वाहन (ईवी), विमान इंजन, चिकित्सा उपकरण, तेल शोधन और सैन्य अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद और तकनीकी प्रगति में योगदान देते हैं।

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