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चुनाव सुधार की दिशा में छह माह में 28 पहल

चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि उसने देश की चुनावी प्रणाली को सुव्यवस्थित, आधुनिक और मजबूत बनाने के लिए विगत छह महीनों में 28 प्रमुख पहल की हैं। ये सुधार छह स्तंभों – सभी हितधारकों के साथ जुड़ाव, चुनावी प्रणाली में सुधार, प्रौद्योगिकी अपनाना, मतदाता सूची की शुद्धता, मतदान में आसानी और क्षमता निर्माण – से संबंधित हैं।

चुनाव आयोग ने 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित कीं

इनका उद्देश्य आगामी चुनावों में पारदर्शिता, समावेशिता और दक्षता सुनिश्चित करना है। मतदाता सूची की विश्वसनीयता में सुधार के लिए बिहार में विशेष गहन संशोधन किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ”कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई भी अपात्र नाम सूची में न रहे।”

अपने आउटरीच अभियान के तहत चुनाव आयोग ने 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित कीं। इनमें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) द्वारा 40 बैठकें, जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा 800, और निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा 3,879 बैठकें शामिल थीं। इन बैठकों में विभिन्न राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को हटाया

आयोग ने 20 उच्च-स्तरीय बैठकों के जरिए पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं से सीधे संवाद भी किया। चुनावी व्यवस्था को मजबूत करने के प्रयासों में आयोग ने पहले दौर में 334 निष्क्रिय पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया और 476 अन्य को हटाने के लिए चिन्हित किया।

पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बूथ लेवल आफिसर्स (बीएलओ) को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए गए, जबकि एक नए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, चुनाव परिणाम आने के बाद पांच प्रतिशत ईवीएम में माइक्रोकंट्रोलर का सत्यापन अनिवार्य है।

आयोग ने ईसीआइनेट डिजिटल प्लेटफार्म लांच किया

तकनीकी मोर्चे पर आयोग ने ईसीआइनेट नामक एक वन-स्टाप डिजिटल प्लेटफार्म लांच किया, जो मतदाताओं, अधिकारियों और राजनीतिक दलों के लिए 40 से ज्यादा एप्स को एकीकृत करता है। अन्य उपायों में मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग, हर दो घंटे में मतदान प्रतिशत की वास्तविक समय पर जानकारी, और मिलान न होने की स्थिति में वीवीपैट पर्चियों की अनिवार्य गणना शामिल है।

बिहार में मतदाता सूची को लेकर हुआ संसोधन

मतदाता सूची की विश्वसनीयता में सुधार के लिए बिहार में विशेष गहन संशोधन किया गया, जबकि लगभग दो दशकों में पहली बार चार राज्यों में हुए हालिया उपचुनावों से पहले मतदाता सूचियों को अद्यतन किया गया। मतदाताओं को एसएमएस सूचनाएं भेजने के साथ ईपिक वितरण की अवधि को 15 दिन तक बढ़ा दिया गया है, तथा डुप्लिकेट ईपिक नंबरों को समाप्त कर दिया गया है।

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