रूस-यूक्रेन के अलावा इन देशों के बीच भी रुक सकता है युद्ध

कोरोना महामारी का भयानक काल खत्म होने के बाद दुनिया के कई देश युद्ध की चपेट में आ गए। फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। यह युद्ध चल ही रहा था कि इजरायल और हमास में जंग शुरू हो गई। इस युद्ध में ईरान भी कूद पड़ा, जिसके बाद यह जंग इजरायल बनाम ईरान लगने लगी। आखिर में अमेरिका ने भी ईरान पर एअर स्ट्राइक की और मिडिल ईस्ट में विश्व युद्ध के हालात बनने लगे।
पिछले कुछ समय से लगातार चल रहे तनाव के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सभी देशों के बीच में सीजफायर करवाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अगर उनकी कोशिशें कामयाब होती हैं, तो दुनिया में एक नहीं बल्कि दो सीजफायर के आसार बन रहे हैं।
रूस-यूक्रेन सीजफायर
15 अगस्त को अलास्त में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात के बाद ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की समेत 7 यूरोपीय देशों के नेताओं संग व्हाइट हाउस में बैठक की। इस दौरान जेलेंस्की रूस, यूक्रेन और अमेरिकी की त्रिपक्षीय बैठक के लिए मान गए और मुमकिन है कि यह बैठक जल्द ही जेनेवा में देखने को मिले।
रूस, यूक्रेन और अमेरिका की त्रिपक्षीय वार्ता अगले दो हफ्ते में जेनेवा में होने की संभावना है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार जेलेंस्की और पुतिन इस बैठक में आमने-सामने होंगे।
इस बैठक की सबसे बड़ी डील सुरक्षा गारंटी है, जिसमें अमेरिका ने जेलेंस्की को यूक्रेन की सुरक्षा करने का आश्वासन दिया है।
अमेरिका से सुरक्षा गारंटी पाने के रूप में यूक्रेन 90 अरब डॉलर ( 7.47 लाख करोड़ रुपये) के हथियार अमेरिका से खरीदेगा। इस डील में लड़ाकू विमान और एअर डिफेंस सिस्टम की खरीद भी शामिल होगी।
इजरायल और हमास युद्ध
हमास ने 7 अक्तूबर 2024 को इजरायल पर हमला करते हुए कई इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया था। वर्तमान में दोनों देशों ने 60 दिनों के युद्ध विराम पर सहमति जताई है। हालांकि यह सीजफायर आसान नहीं होने वाला है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सामने धर्मसंकट की स्थिति बन गई है। एक तरफ उनके खुद के देश में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। सभी इजरायली बंधकों को सुरक्षित वापस लाने की मांग कर रहे हैं, तो नेतन्याहू के पार्टी के समर्थन युद्धविराम का विरोध कर रहे हैं। वहीं अमेरिका और यूरोप भी इजरायल पर सीजफायर करने का दबाव बना रहे हैं।