शिवसेना UBT-मनसे गठबंधन को झटका, बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में ठाकरे बंधुओं को मिली करारी हार

मुंबई नगर निगम बेस्ट के कर्मचारियों से जुड़ी हाई-प्रोफाइल सहकारी ऋण समिति के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान हुआ। मतगणना मंगलवार को शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और शिवसेना (यूबीटी) के पैनल को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली।
महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी और मनसे गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। बेस्ट एम्प्लॉइज कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के चुनाव में ठाकरे बंधुओं को करारी हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव में शिवसेना यूबीटी और मनसे के पैनल को सभी 21 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। हाल ही में शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे साथ आए थे। ऐसा माना जा रहा है दोनों पार्टियां मुंबई नगर निगम चुनाव साथ में लड़ने की तैयारी कर रही हैं। इससे पहले बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में मिली हार ने गठबंधन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुंबई नगर निगम बेस्ट के कर्मचारियों से जुड़ी हाई-प्रोफाइल सहकारी ऋण समिति के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान हुआ। मतगणना मंगलवार को शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। चुनाव में पांच पैनल थे। इसमें एक शशांकराव का पैनल था। जबकि महायुति समर्थित सहकार समृद्धि पैनल था। जबकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और शिवसेना (यूबीटी) ने उत्कर्ष नाम से पैनल बनाकर प्रत्याशी उतारे थे। शिवसेना (यूबीटी) ने 18, मनसे ने दो और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति संघ (एससीएसटी) से एक उम्मीदवार मैदान में उतारा।
चुनाव में शशांक राव के पैनल को अधिकतम 14 सीटें मिलीं। जबकि सहकार समृद्धि पैनल ने सात सीटें अपने नाम कीं। इसके अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और शिवसेना (यूबीटी) ने उत्कर्ष पैनल को एक भी सीट नहीं मिली। बेस्ट कामगार सेना (सेना-यूबीटी से संबद्ध) के अध्यक्ष सुहास सामंत ने बताया कि उनके सभी 21 उम्मीदवारों की हार चौंकाने वाली है। इस चुनाव में धन का बोलबाला रहा।
नौ साल की सत्ता हाथ से फिसली
बेस्ट इंपलॉइज कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड में नागरिक उपक्रम के मौजूदा और पूर्व कर्मचारी सदस्य हैं, जो निर्वाचक मंडल का गठन करते हैं। इस क्रेडिट सोसायटी के 15,000 से अधिक सदस्य हैं और कई वर्षों तक इस पर नौ साल तक शिवसेना यूबीटी से जुड़ी बेस्ट कामगार सेना का प्रभुत्व रहा है।
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के नेताओं ने कहा था कि बेस्ट (बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन) उपक्रम में मनसे के पास पर्याप्त ताकत नहीं है, लेकिन इस चुनाव ने दोनों दलों को शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के व्यापक चुनावों से पहले अपने संयुक्त प्रभाव का परीक्षण करने के लिए एक मंच प्रदान किया। इससे लोगों को दोनों दलों की एकता के बारे में राजनीतिक संदेश देने में भी मदद मिली।