
हरियाणा की बेटी तपस्या गहलावत कुश्ती के अंडर-20 मुकाबलों में नई विश्व चैंपियन बन गई हैं। बुधवार को बुल्गारिया के समोकोव में आयोजित जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में 19 वर्षीय तपस्या ने महिलाओं के 57 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में नॉर्वे की फेलिसिटास डोमजेवा को 5-2 से हराया।
मूलरूप से झज्जर के गांव खानपुर कलां की रहने वाली तपस्या ने दादा के सपनों और पिता की जिद को हकीकत में बदलते हुए कुश्ती की दुनिया में भारत का परचम लहराया है। हालांकि इस प्रतियोगिता के समय उनके घर में दुख का माहौल था क्योंकि उनके दादा सेवानिवृत्त सैनिक राम मेहर सिंह का पिछले हफ्ते निधन हो गया था। वह सोनीपत के युद्धवीर अखाड़ा की बेटी है।
एक सप्ताह पहले दादा का हुआ निधन, कहा था-चैंपियन बनकर ही लौटना
तपस्या के दादा का एक सप्ताह पहले दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उस समय वह दिल्ली कैंप में विश्व चैंपियनशिप की तैयारी कर रही थीं। प्रशिक्षक शक्षक कुलबीर राणा ने बताया कि तपस्या को तब इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। दादा ने तपस्या से कहा था कि विश्व चैंपियन बनकर लौटना। तपस्या ने इसे सच कर दिखाया है। तपस्या के पिता परमेश गहलावत खुद एक अच्छे पहलवान रहे हैं। पर चोट के कारण उनका करियर अधूरा रह गया। बेटी को वही मुकाम दिलाने के लिए ही उन्होंने उनका नाम तपस्या रखा। पिता ने बताया कि विदेशी धरती पर राष्ट्रगान बजने की उपलब्धि हासिल करना उनके दादा चौधरी हजारी लाल के बाद उनका भी सपना था। इस सपने को उनकी परपोती तपस्या ने पूरा कर दिया।