आज अधिसूचित हो सकता है ऑनलाइन मनी गेमिंग विधेयक

संसद के दोनों सदनों से पारित ऑनलाइन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध से जुड़े विधेयक को लेकर अधिसूचना शनिवार को जारी हो सकती है। सरकार ने विधेयक के पारित होते ही इसे बगैर देरी के तुरंत ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया था।
विन्जो ने मनी गेमिंग वाली सेवाओं को वापस लेने का किया ऐलान
हालांकि इससे जुड़ा कानून प्रभावी हो, इससे पहले ही प्रमुख ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने देश में चलाए जा रहे अपने मनी गेमिंग के ‘खेल’ को समेट लिया है। इनमें 25 करोड़ से अधिक यूजर्स वाली गेमिंग कंपनी विन्जो भी शामिल है। जिसने अधिकारिक बयान जारी कर 22 अगस्त से इसके दायरे में आने वाले अपनी सेवाओं को वापस लेने का ऐलान किया है।
मनी गेमिंग के लिए कोई जगह नहीं होगी
इसके साथ ही ड्रीम-11, रमी सर्किस जैसी प्रमुख ऑनलाइनगेमिंग कंपनियों ने भी नए कानून के दायरे में आ रहे वाले अपने गेम्स को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऑनलाइनगेमिंग बाजार में भारत की हिस्सेदारी व यूजर्स की संख्या को देखते हुए गेमिंग कंपनियों ने जल्द ही नए कानून के दायरे में रखकर नई शुरूआत करने के संकेत दिए है। जिसमें मनी गेमिंग के लिए कोई जगह नहीं होगी।
नए कानून के तहत ऑनलाइनगेमिंग प्लेटफार्म पर ई-स्टोर्ट्स व सोशल गेम्स को नए स्वरूप में लाने पर काम शुरू कर दिया गया है। इनमें भारतीय पारंपरिक खेलों व मनोरंजन से जुड़े खेलों को जगह दी जा सकती है।
लीगल गेमिंग से जुड़ी कंपनियां उत्साहित
देश में पहले ही ई-स्पोर्ट्स और ई-सोशल जैसे ऑनलाइनगेम और नियमों के तहत संचालित होने वाली कंपनियां इस कानून के बाद काफी उत्साहित भी दिख रही है। उन्हें उम्मीद है कि इससे उन्हें एक अच्छी ग्रोथ मिलेगी। जो अब तक ऑनलाइनमनी गेम की लोकप्रियता के चलते अपनी जगह नहीं बना पा रही थी। ई-गेमिंग फेडरेशन के सीईओ अनुराग सक्सेना का मानना है कि एक पारदर्शी कानून ऑनलाइनगेमिंग को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इससे इस क्षेत्र का संतुलित और सुरक्षित विकास होगा।
विशेषज्ञों की चिंता
कानूनी मान्यता मिलने और वित्तीय पोषण से ई स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को संस्थागत बढ़ावा तो मिलेगा, लेकिन विधेयक में टैक्स चोरी, अर्थव्यवस्था को नुकसान व करोड़ों युवाओं का भविष्य तबाह होने की जो चिंता जताई गई , उसे रोकने और खत्म करने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं। बिजनेस मॉडल को बदलकर सोशल गेमिंग के जरिए मनी गेमिंग एप अपना कारोबार जारी रख सकते हैं। सट्टेबाजी और स्किल गेम के फर्क को खत्म करने के आधार पर इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी मिल सकती है। विराग गुप्ता , साइबर कानून विशेषज्ञ।
भारत दुनिया का सातवां बड़ा गेमिंग बाजार
दुनिया भर की ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की नजर भारत पर इसलिए भी है, क्योंकि यह दुनिया का सातवां बड़ा गेमिंग बाजार है। दुनिया भर के गेमिंग बाजार को लेकर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में ऑनलाइन गेमिंग का सबसे बाजार अमेरिका में है, जिसका करोबार 140 बिलियन डॉलर का है, जबकि दूसरे नंबर पर चीन ( 137 बिलियन डॉलर), जापान ( 50 बिलियन डॉलर), इंग्लैंड ( 17.7 बिलियन डॉलर), साउथ कोरिया ( 14.6 बिलियन डॉलर), जर्मनी ( 13 बिलियन डॉलर) व भारत ( 10 बिलियन डॉलर) है।