अपना स्टेच्यू देखकर भावुक हो गए सुनील गावस्कर, शब्दों को हुए मोहताज

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के स्टेच्यू का मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में अनावरण किया गया। गावस्कर का ये स्टेच्यू एमसीए के शरद पवार क्रिकेट संग्रहालय में हुआ है जो स्टेडियम में बनाया गया है। गावस्कर के स्टेच्यू का अनावरण बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी में किया गया।
कांसे से बना गावस्कर का स्टेच्यू संग्रहालय के बाहर लगाया गया है। ये संग्रहालय अभी आम लोगों के लिए खुला नहीं है। 22 सितंबर से इसे आम जनता के लिए खोला जाएगा। गावस्कर को भारत के महान बल्लेबाजों में गिना जाता है और ये स्टेच्यू उनकी उपलब्धियों के सम्मान के रूप में लगाया गया है।
भावुक हो गए गावस्कर
अपने स्टेच्यू के उद्घाटन के मौके पर गावस्कर भावुक हो गए। गावस्कर ने कहा, “मेरे पास अपनी भावनाएं बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं क्योंकि मैं इस खास सम्मान से अभिभूत हूं। ये हर किसी के साथ नहीं होता है। ये स्टेच्यू संग्रहाल के बाहर है और यहां काफी लोगों का आना-जाना होता है।”
इस दौरान गावस्कर ने अपने करियर में एमसीए के योगदान को काफी सराहा। गावस्कर ने कहा कि उनका करियर बनाने में एमसीए का रोल मां की तरह का रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी ये बात कही है कि एमसीए मेरी मां की तरह है। इसमें मेरा हाथ तब थामा जब मैं अपना करियर शुरू कर रहा था और बॉम्बे में स्कूल क्रिकेट खेल रहा था। इसके बाद रणजी ट्रॉफी और फिर आगे का करियर। मुंबई के लिए खेलना एक वरदान की तरह है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ये काम कर पाऊंगा।”
10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज
गावस्कर की बल्लेबाज ने अच्छे से अच्छे गेंदबाजों को परेशान किया है। वह उस दौर में बिना हेलमेट के बल्लेबाजी करते थे जब वेस्टइंडीज के तूफानी गेंदबाज बल्लेबाजों को लहू-लुगान कर देते थे। गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। उन्होंने ही सर डॉन ब्रेडमैन के टेस्ट में सबसे ज्यादा 29 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ा था। उनके इस रिकॉर्ड को सचिन ने तोड़ा।