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त्रिनेत्र गणेश मंदिर: लक्खी में मेले में मंडरा रहा कौन सा खतरा? समूह में चलने के निर्देश

रणथंभौर दुर्ग स्थित भगवान त्रिनेत्र गणेश मंदिर का तीन दिवसीय लक्खी मेला श्रद्धालुओं के लिए तो हर बार की तरह ही है, लेकिन प्रशासन के लिए ये मेला दोगुनी चुनौती बन गया है। इस बार मेले में लोगों की सुरक्षा प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि गणेश मंदिर परिक्रमा मार्ग पर बाघ के पगमार्क देखे गए हैं। इसलिए प्रशासन लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से समूह में यात्रा करने का आग्रह किया है।

लक्खी मेले में बाघों की हलचल किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। तीन दिवसीय इस मेला आज से शुरू हुआ है और मुख्य मेला 27 अगस्त को भरेगा। इस दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होगी। ऐसे में खुले में घूम रहे बाघ प्रशासन के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सोमवार को शाम चार बजे तक भगवान गणेश के दर्शनार्थ जाने की अनुमति जारी की है।

अवैध रास्तों को किया गया बंद

जिला कलेक्टर कानाराम ने बताया कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की हाल की गतिविधियों को देखते हुए वन क्षेत्र में बैरिकेडिंग, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा गार्ड तैनात कर खण्डार, बोदल और उलियाणा से आने वाले अवैध रास्तों को पूर्णतः बंद किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित मार्ग से ही मंदिर पहुंचें। 

मुख्य मार्ग से ही करें प्रवेश

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि मुख्य मार्ग से ही दुर्ग में समूह में प्रवेश करें। परिक्रमा मार्ग में केवल दिन में ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी और श्रद्धालुओं को इसे भी समूह में ही उपयोग करने की सलाह दी गई है।

परिक्रमा मार्ग में खास सावधानी रखने के निर्देश

मेले में सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल ने बताया कि 1500 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी लगाए गए हैं। इनमें 9 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 14 पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी, 5 आरएसी कंपनियां, 150 होमगार्ड, 150 पुलिस मित्र शामिल हैं। इसके अलावा 25 स्थाई चौकियां और 10 मोबाइल यूनिट्स भी तैनात की गई हैं। एसपी ने श्रद्धालुओं से अनावश्यक रूप से परिक्रमा मार्ग का उपयोग नहीं करने की अपील की है, क्योंकि रविवार को भी यहां बाघ के पगमार्क देखे गए थे।

तीन नेत्रों के स्वरूप

त्रिनेत्र गणेश मंदिर भारत में एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां भगवान गणेश तीन नेत्रों के स्वरूप में विराजमान हैं। ये न सिर्फ ऐतिहासिक धरोहर है बल्कि यह आस्था का अद्वितीय केंद्र भी है। मान्यता है कि भगवान गणेश भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।

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