
पंजाब में बाढ़ और बारिश की वजह से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। 12 जिलों के 2 लाख 56 हजार लोग प्रभावित हैं। किसानों पर भी बाढ़ की बड़ी मार पड़ी है। सूबे में 94061 हेक्टेयर फसल बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे ज्यादा मानसा जिले में किसानों की फसल बर्बाद हुई है।
मौसम विभाग ने मंगलवार को पंजाब में बारिश का रेड और बुधवार को यलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही कहा कि पहाड़ों पर भी यदि बारिश न थमी तो पंजाब में हालात और बिगड़ सकते हैं। सात सितंबर तक बूंदाबांदी के आसार बताए जा रहे हैं। अभी तक पंजाब में 470 एमएम बारिश हो चुकी है जोकि मानसून सीजन में सामान्य से 30 फीसदी ज्यादा है। वहीं हिमाचल में भी अभी तक 834 एमएम बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 36 फीसदी अधिक है।
मैदानों के साथ-साथ पहाड़ों पर हुई अत्यधिक बारिश की वजह से ही पंजाब में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए एनडीआरएफ समेत आर्मी व एयरफोर्स की टीमें तैनात हैं। पंजाब सरकार के मंत्री व विधायक फील्ड में सक्रिय हैं और लोगों को हरसंभव मदद मुहैया करवा रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस व शिअद के कार्यकर्ता व नेता भी राहत कायों में जुटे हुए हैं।
1044 गांव डूबे, 15688 लोग निकाले
पंजाब सरकार के अनुसार सूबे के गुरदासपुर, होशियारपुर, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, मोगा, तरनतारन, मानसा, फाजिल्का, जालंधर, मोहाली व बरनाला जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। इन जिलों के 1044 गांव प्रभावित हैं। अभी तक 15688 लोगों को बचाया जा चुका है। सरकार ने इन जिलों में 129 राहत कैंप लगाए हैं, जिनमें 7144 लोगों को आश्रय दिया गया है। एनडीआरएफ की 20 टीमें व एयरफोर्स-आर्मी की 12 कॉलम व 30 से 35 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। बीएसएफ के जवान भी लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं।
सबसे ज्यादा फसल अमृतसर में बर्बाद
बाढ़ की वजह से अमृतसर में सबसे ज्यादा 23 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। इसके अलावा मानसा में 172205 हेक्टेयर, फिरोजपुर में 11232, कपूरथला में 14934, तरनतारन में 11,883, जालंधर में 2800, मोहाली में 2 हजार, पटियाला में 1450, होशियारपुर में 5971, पठानकोट में 2442, श्री मुक्तसर साहिब में 84, मोगा में 949, लुधियाना में 108, गुरदसपुर में 24, एसबीएस नगर में 7, मलेरकोटला में 5, बरनाला में 2, संगरूर में 3, फतेहगढ़ साहिब में 1 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है।