
पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश से चार नदियों में उफान के कारण हरियाणा के 11 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। यमुना, घग्गर, मारकंडा और टांगरी नदियां खतरे के निशान पर बह रही हैं। सोमवार को यमुना नदी पर बने हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर सीजन में पहली बार 3,31,653 क्यूसेक पर पहुंच गया। बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। उफनाई यमुना देर शाम यमुनानगर की सड़कों व गांवों तक पहुंच गई। इससे लोगों में अफरातफरी मचने लगी। प्रशासन ने यमुना नदी किनारे बसे गांवों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है। कुरुक्षेत्र में मारकंडा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पट्टी जामरा गांव के घरों तक पहुंच गया।
यमुनानगर, पानीपत, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, सोनीपत और फरीदाबाद जिलों में स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के मुताबिक सोमवार तक 1000 से अधिक गांवों में 3,01,343.877 एकड़ में फसलें डूब गईं। मौसम विभाग की ओर से अगले 24-36 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसे देखते हुए पांच सितंबर तक राज्य के सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। आदेश जारी हुए हैं कि प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। अपने स्टेशन पर पांच सितंबर तक निगरानी रखेंगे। कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला, सिरसा, फतेहाबाद के कुछ स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
बाढ़ के पानी में बहकर आई लकड़ियां पकड़ने की कोशिश में यमुनानगर के बेलगढ़ में बनियावाला निवासी सूफियान (17) व बल्लेवाला निवासी सालिक (19) नदी के तेज बहाव में बह गए। फरीदाबाद के गांव किड़ावली में यमुना किनारे अपना जन्मदिन मनाने आया युवक आयुष व उसका दोस्त धर्मेंद्र डूब गए। दोनों अपने छह अन्य दोस्तों के साथ दिल्ली के मीठापुर से आए थे। यमुना नदी के तेज बहाव के कारण यमुनानगर के छछरौली खंड के रुकाली गांव का श्मशान घाट भी पूरी तरह से बह गया। इसके अलावा टापू कमालपुर, कलानौर, कलेसर, नवाजपुर, मांडेवाला, बेलगढ़ आदि तटवर्ती गांवों में भूमि कटाव शुरू हो गया है।
हरियाणा से निकल यमुना अब दिल्ली में भी हालात बिगाड़ सकती है। करीब 3 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से दिल्ली में भी यमुना खतरे के निशान को पार कर सकती है। यह तीन लाख 21 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंचने में 72 घंटे का समय लगेगा। पानीपत, करनाल और यमुनानगर में तो हाई फ्लड घोषित किया जा चुका है। कुरुक्षेत्र जिले में मारकंडा नदी में दोपहर 2 बजे 54,400 क्यूसेक पानी था और शाम को 5.30 बजे 45,500 क्यूसेक जलस्तर रिकॉर्ड किया गया। मारकंडा का खतरनाक स्तर 49000 क्यूसेक है। यहां पटवारियों की तैनाती कर दी गई है जो पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं।
अंबाला में टांगरी व कैथल में घग्गर नदी का जलस्तर स्थिर चल रहा है। अंबाला में टांगरी नदी में 10 हजार क्यूसेक जलस्तर रिकॉर्ड किया गया। कैथल के गुहला-चीका क्षेत्र में घग्गर नदी में सोमवार शाम 5 बजे तक जलस्तर 21 फीट से नीचे आ गया। यह 20.9 फीट पर पहुंचा। फतेहाबाद में चांदपुरा साइफन पर रविवार को 10 हजार क्यूसेक पानी था जबकि सोमवार को बढ़कर 12500 क्यूसेक तक पहुंच गया। वहीं, सिरसा में ओटू हेड पर जलस्तर 17580 क्यूसेक रहा। दोनों जिलों में 22000 क्यूसेक जलस्तर की क्षमता है।