
खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां व उनका बहाव ग्रामीण इलाकों के बाद अब शहरों में कहर बरपा रहा है। जलभराव के कारण हरियाणा की लाइफलाइन कहे जाने वाले छह नेशनल हाईवे पर वाहनों की रफ्तार थमने लगी है। इन सभी पर नदियों का पानी बह रहा है। हाईवे पर कहीं वाहन रेंग-रेंगकर चल रहे हैं तो कहीं लेन ही बंद है। हिसार में हांसी-बरवाला नेशनल हाईवे-148बी पर गांव चानौत के पास करीब एक किलोमीटर एरिया में पानी भरने से वाहनों को दूसरे रूट पर डायवर्ट किया गया है। वीरवार को बारिश व जलभराव के कारण पांच लोगों की माैत हो गई, जबकि एक बह गया। यमुना, घग्गर, टांगरी व मारकंडा खतरे के निशान पर हैं जिससे लगातार खतरा बना हुआ है।
हिसार में हिसार- चंडीगढ़ एनएच-52 और दिल्ली-हिसार एनएच-9 पानी में डूबे हैं। इनके अलावा अंबाला में अंबाला-रुड़की एनएच-344 के ऊपर से पानी बह रहा है। इससे हाईवे की एक साइड बंद करनी पड़ी है। यह हाईवे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच कड़ी है। इस वजह से पांच राज्यों के वाहन जाम में फंस रहे हैं।
अंबाला में वीरवार को अंबाला-जगाधरी एनएच 444-ए पर टांगरी नदी का पानी आ गया है जबकि अंबाला-दिल्ली हाईवे एनएच-44 पर हिसार बाईपास के नजदीक बलदेव नगर में पानी आने से एक लेन को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। इस्माईलाबाद बाईपास पर नेशनल हाईवे 152 पर भी मारकंडा का पानी पहुंच गया। अंबाला-साहा राजमार्ग व हिसार से भादरा जाने वाले स्टेट हाईवे पर गांव आर्यनगर में एक किलोमीटर तक पानी भरा है। कई जगह हाईवे को वन-वे किया गया है। अंबाला में पानी ने हाईवे के बाद इंडस्टि्रयल एरिया का भी रुख किया जिस कारण लोग फंस गए। एसडीआरएफ ने सुबह चार बजे बचाव अभियान शुरू कर 300 लोगों को निकाला।
अंबाला में बुधवार रात घग्गर, टांगरी और मारकंडा नदी में अत्यधिक पानी आने से 146 से अधिक गांव जलमग्न हो गए। इसके अलावा हिसार के 28 गांवों की बाहरी बस्तियों, ढाणियों व 34 स्कूलों, भिवानी के 15, चरखीदादरी के 30, फरीदाबाद में 27, कुरुक्षेत्र के 20 गांवों व पानीपत में छह काॅलोनियां में पानी भरा है।
अंबाला में मारकंडा, टांगरी और घग्गर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सिरसा में घग्गर नदी में पानी का बहाव पिछले 24 घंटे में 18,600 से बढ़कर 21,000 क्यूसेक हो गया, जो कि खतरे के निशान को पार कर गया। पानीपत में भी यमुना खतरे के निशान 231.50 के पास बह रही है। फरीदाबाद में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बसंतपुर और उसके आसपास के कई गांवों में पानी का स्तर पांच फीट तक पहुंच गया है।
बाढ़ जैसी स्थिति देखते हुए हिसार व सिरसा में सभी स्कूल, फतेहाबाद के रतिया, भूना, टोहाना और जाखल और कैथल के गुहला-चीका में स्कूल छह तक बंद रहेंगे। कुरुक्षेत्र के पिहोवा, ईस्माइलाबाद व शाहबाद के स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। इसके अलावा करनाल व पानीपत में यमुना नदी के तटवर्ती गांवों के 125 विद्यालय अग्रिम आदेश तक बंद रहेंगे। अंबाला में जिन स्कूलों में पानी भरा है, वे बंद रहेंगे।