
पंजाब में चारों ओर पानी की मार है। घर, फसल सब पानी में हैं। अमृतसर के कस्बा रमदास में लोग चारों ओर बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। धुस्सी बांध टूटने से दोबारा जलस्तर बढ़ने लगा है। लोगों में दहशत का माहौल है।
रावी दरिया का पानी दर्जनों गांव को भारी नुकसान पहुंच चुका है। कुछ दिन पहले पानी का स्तर कुछ कम होना शुरू हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली थी। घरों से पानी निकालने के बाद लोग पानी के साथ आई रेत और गाद की सफाई में जुटे थे। अचानक फिर से रावी दरिया का पानी कस्बा रमदास और नजदीकी गांव में आना शुरू हो चुका है।
धान की फसल पहले ही तबाह हो चुकी है। गेहूं की बिजाई होना भी बहुत मुश्किल है। लोगों के घरों में हुए नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो गया है। अगर दोबारा से पानी का स्तर बढता है तो यह ग्रामीणों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल हो गई है। इलाके के गावों में कई दिनों से बिजली नहीं है। उनके खानपान भी सरकार और एनजीओ की मदद से चल रहा है। अगर हालात पहले जैसे हो गए तो उन तक मदद पहुंचाना भी मुश्किल हो जाएगा। रमदास निवासी जगजीत सिंह ने बताया कि पहले ही लोगों का गुजारा बहुत मुश्किल से चल रहा है। अगर फिर से पानी आ गया तो लोगों के बचे हुए घर भी मिट्टी में मिल जाएंगे।
नुकसान की भरपाई में लगेंगे कई साल
किसान हरदेव सिंह ने बताया कि उनकी 38 एकड़ फसल पहले ही पानी की भेंट चढ़ चुकी है। जितना आर्थिक नुकसान हुआ है उसे पूरा करने के लिए कई साल का समय लग जाएगा। उनके घरों में भी 4 फीट तक पानी भर गया था। दोबारा पानी आता है तो मुश्किल बढ़ जाएगी। हरपाल सिंह ने बताया कि मुआवजे की राशि उनके लिए काफी नहीं होगी, क्योंकि नुकसान ही इतना है कि जिस का हिसाब नहीं लगाया जा सकता। 28 एकड़ से अधिक फसल खत्म हो चुकी है।
लोग घर छोड़ने को मजबूर
हरदेव सिंह ने बताया कि लोग अपना घर छोड़ने तक मजबूर हो चुके हैं। पशुओं को सड़क पर रखा गया है। खुद खाना खाने की चिंता से पहले उन्हें अपने मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध करना होता है। जब पहले पानी आया था तो लगभग 40 लोगों की जान उसने अपने भाई के साथ मिलकर बचाई थी। 70 से अधिक पशु उनके द्वारा सुरक्षित स्थान पर ले जाए गए थे। अब वह अपने घर को छोड़कर ट्राॅली में रह रहे हैं।