
ओडिशा राज्य सूचना आयुक्त (एससीआईसी) ने ओडिशा लोक सेवा आयोग (ओपीएससी) को एक उम्मीदवार को उसके इंटरव्यू में मिले नंबरों की जानकारी देने का आदेश दिया है। यह आदेश भद्रक जिले की मिनती रानी मोहापात्रा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया। बता दें कि मिनती ने 2022 में इतिहास विषय के सहायक शिक्षक पद के लिए आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया में कैरियर मार्क्स (शैक्षणिक योग्यता के अंक) और इंटरव्यू मार्क्स को जोड़ा गया था। लेकिन जून 2022 में जारी चयन सूची में उनका नाम नहीं था।
मिनती ने असंतुष्ट होकर दाखिल किया था आरटीआई
इसके बाद नतीजे से असंतुष्ट होकर मिनती ने दिसंबर 2022 में आरटीआई दाखिल कर अपने कैरियर और इंटरव्यू के नंबरों की जानकारी मांगी। आयोग ने उन्हें केवल कैरियर मार्क्स बताए, लेकिन इंटरव्यू नंबर देने से इनकार कर दिया। मामले में ओपीएससी का कहना था कि वह उम्मीदवारों को इंटरव्यू के नंबर नहीं बताता।
सूचना आयोग ने मामले में क्या कहा?
ऐसे में जब मामला सूचना आयोग पहुंचा। तब मामले में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त मनोज परिडा ने सुनवाई के बाद कहा कि यह निर्णय आरटीआई कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि हर उम्मीदवार को यह जानने का अधिकार है कि उसे इंटरव्यू में कितने नंबर मिले, ताकि वह अगली बार अपनी तैयारी बेहतर कर सके। इसके साथ ही आयोग ने कहा जो उम्मीदवार चयनित नहीं हो पाए हैं, उन्हें यह जानने का हक है कि वे क्यों असफल हुए। ओपीएससी उम्मीदवारों को अंधेरे में नहीं रख सकता।
ओपीएससी को नीति बदलने के आदेश
इसके साथ ही मामले में एससीआईसी परिडा ने साफ किया कि आरटीआई एक्ट की धारा 22 अन्य सभी कानूनों और नियमों से ऊपर है और जानकारी देना अनिवार्य है। उन्होंने ओपीएससी को अपनी नीति बदलने और भविष्य में सभी उम्मीदवारों को इंटरव्यू नंबर देने का आदेश दिया है।