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फलस्तीन को मिला भारत का साथ, संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के खिलाफ किया वोट

इजरायल के साथ बेहद करीबी रणनीतिक साझेदारी के बावजूद भारत फलस्तीन मुद्दे पर अपनी पारंपरिक नीति पर कायम है। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में इजरायल-फलस्तीन मुद्दे के समाधान के उद्देश्य से दो राष्ट्र के सिद्धांत पर हुए मतदान में भारत ने स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र के गठन के पक्ष में वोट दिया।

अमेरिका, अर्जेंटीना समेत 10 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया

फ्रांस और सऊदी अरब के लाए प्रस्ताव के पक्ष में 142 देशों ने वोट दिया। अमेरिका, अर्जेंटीना सहित 10 देशों ने विरोध में वोट किया। भारत दशकों से दो राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन करता रहा है, जिसके तहत इजरायल के साथ ही एक स्वतंत्र देश के तौर पर फलस्तीन को भी मान्यता दी जाएगी।

शुक्रवार का मतदान काफी महत्वपूर्ण

हाल के वर्षों में भारत कई बार संयुक्त राष्ट्र में इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर इजरायल के पक्ष में खड़ा दिखा है लेकिन शुक्रवार का मतदान काफी महत्वपूर्ण है। इसके वैश्विक संबंधों पर भी दूरगामी प्रभाव पड़ने के आसार हैं। जिस तरह से अमेरिका के कई सहयोगी देशों और मध्य-पूर्व एशिया के साझेदार देशों ने फलस्तीन मुद्दे पर स्वतंत्र तौर पर फैसला किया है वह अमेरिका के घटते प्रभाव को दर्शाता है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस और सऊदी अरब के नेतृत्व में कुल 142 देशों ने फलस्तीन समस्या के समाधान के लिए दो राष्ट्र के सिद्धांत का संकल्प व्यक्त किया है। हम साथ मिलकर मध्य-पूर्व में शांति के लिए अलग मार्ग का निर्माण कर रहे हैं।

इजरायल ने स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र का प्रस्ताव नकारा

इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र आमसभा में भारी बहुमत से पारित द्विराष्ट्र प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। इस प्रस्ताव में स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की संस्तुति की गई है। कहा गया है कि फलस्तीन समस्या का स्थायी समाधान स्वतंत्र राष्ट्र बनाकर ही संभव है।

इजरायल ने कहा है कि इस प्रस्ताव के पारित होने से साबित हो गया है कि आमसभा एक राजनीतिक सर्कस से ज्यादा कुछ नहीं है जिसका जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है।

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