ब्रिटेन-फ्रांस रिटर्न ट्रीटी का पहला शिकार बना भारतीय, वापस भेजा गया पेरिस

ब्रिटेन ने फ्रांस के साथ हाल में ही एक रिटर्न ट्रीटी हुई है। इस ट्रीटी के तहत ब्रिटेन ने फ्रांस के साथ पहला निर्वासन पूरा कर लिया है। इस संबंध में गुरुवार को ब्रिटेन की गृहमंत्री शबाना महमूद ने जानकारी देते हुए इसे सीमा सुरक्षा की दिशा में एक अहम और पहला कदम करार दिया।
शबाना महमूद ने कहा कि यह संदेश उन लोगों के लिए स्पष्ट है, दो छोटी सी नौकाओं से इंग्लिश चैनलों को पार कर के ब्रिटेन में अवैध रूप से घुसने की कोशिश करते हैं।
जानिए क्या बोलीं शबाना महमूद?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में शबाना महमूद ने लिखा कि यह बॉर्डर सुरक्षित करने की दिशा में एक खास शुरुआत है। यह उन लोगों के लिए एक अहम संदेश है, जो छोटी नावों के सहारे अवैध तरीके से ब्रिटेन पहुंचते हैं। अगर आप किसी भी अवैध तरीके से ब्रिटिश में घुसने की कोशिश करेंगे तो हन आपको हटाने की कोशिश करेंगे।
इतना ही नहीं गृहमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अदालतों में होने वाले आखिरी समय के बेबुनियाद और बाधा डालने वाले प्रयासों को चुनौती देती रहेगी। इसके साथ उन्होंने कहा कि ब्रिटेन शरणार्थियों को शरण देना जारी रखेगा, लेकिन केवल सुरक्षित, वैध और व्यवस्थित रास्तों से आए लोगों की।
भारतीय नागरिक को भेजा गया फ्रांस
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच हुए ‘वन-इन, वन आउट’ समझौते के तहत इस ट्रीटी के तहत निर्वासित होने वाला पहला मामला भारतीय से जुड़ा आया है। बताया जा रहा है कि जिसने इस साल अगस्त में अवैध रूप से छोटी नाव के जरिए ब्रिटेन में प्रवेश किया था। अब उस भारतीय को एक कॉमर्शियल विमान से पेरिस भेजा गया।
वहीं, वापसी के बाद उस व्यक्ति को भारत लौटने के लिए स्वैच्छिक पुनर्वास योजना का विकल्प दिया जाएगा। इस दौरान अगर वह इनकार करता है, तो उसके लिए भविष्य में शरण आवेदन पर रोक लग जाएगी और उसको जबरदस्ती वापस भेजा जाएगा।
क्या है ब्रिटेन और फ्रांस के बीच हुई ये संधि?
ब्रिटेन और फ्रांस के बीच अगस्त 2025 से शुरू हो गया है। यह अगले साल जून 2026 तक लागू रहेगा। दोनों देशों के बीच संधि के अनुसार, ब्रिटेन उन प्रवासियों को फ्रांस वापस भेजा जा सकता है, जो अवैध तरीके से ब्रिटेन में पहुंचे हैं। इसके ठीक बदले में ब्रिटेन फ्रांस से उतनी ही संख्या में लोगों को सुरक्षित और वैध शरण मार्ग के जरिए स्वीकार करेगा। इतना ही नहीं इन सभी लोगों पर सख्त पात्रता और सुरक्षा जांच भी की जाएगी।
ब्रिटेन के पीएम ने क्या कहा?
वहीं, इस मामले पर ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर ने कहा कि निर्वासन ने इस बात का प्रमाण दिया है कि नई साझेदारी काम कर सकती है। सरकार को अब निष्कासन बढ़ाने की आवश्यकता है। पीएम स्टार्मर ने कहा कि हमें इसे बड़े पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत है, जिसकी योजना के तहत हमेशा से परिकल्पना की गई थी।