अध्यात्म

पितरों के जानें से पहले जरूर करें ये खास उपाय

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इस 15 दिन की अवधि में पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और सभी के दुखों को दूर करते हैं। पितृ पक्ष का समापन 21 सितंबर यानी सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा।

यह दिन पितरों को विदा करने का अंतिम अवसर होता है और इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से पितृ तो खुश होते ही हैं, इसके साथ ही माता लक्ष्मी की भी कृपा मिलती है।

पितृ पक्ष के अंतिम दिन करें ये उपाय

शाम को जलाएं दीपक – सर्व पितृ अमावस्या की शाम को घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में गाय के घी का दीपक जलाएं। इस दीपक में थोड़े से काले तिल भी डाल दें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय से पितरों को शांति मिलती है और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

ब्राह्मणों को भोजन – इस दिन ब्राह्मणों को घर बुलाकर उन्हें भोजन कराएं। भोजन में पितरों की पसंदीदा चीजें शामिल करें। भोजन के बाद उन्हें दक्षिणा और वस्त्र का दान करें। इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

पंचबलि कर्म – सर्व पितृ अमावस्या के दिन ‘पंचबलि’ यानी गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटियों के लिए भोजन निकालें। यह कर्म पितरों को संतुष्ट करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

तुलसी के उपाय – पितृ पक्ष के आखिरी दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं। तुलसी को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है और इस उपाय से घर में सुख-समृद्धि आती है।

पीपल के पेड़ की पूजा – सर्व पितृ अमावस्या पर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करें। पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। कहा जाता है कि इस उपाय से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।

अन्न-जल का दान – पितरों को विदा करने से पहले जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। दान करने से पितर खुश होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

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