
मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तर्ज पर अब पार्सल वैन वाली कार्गाें मालगाड़ियों के संचालन की भी समय सारिणी बनेगी ताकि मालगाड़ियों का संचालन भी निर्धारित समय पर किया जा सके और सामान एक से दूसरी जगह पर जल्द पहुंच सके। पिछले दिनों रेलवे ने इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए कुछ मालगाड़ियों का परीक्षण किया था जोकि अपने निर्धारित समय पर गंतव्य स्टेशन पर सामान लेकर पहुंचीं। यह रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से संभव हो पाया है।
इनका परीक्षण हुआ सफल
रेलवे ने पिछले दिनों अन्नपूर्णा सेवा कार्गाे मालगाड़ी का संचालन किया था। मालगाड़ी का संचालन लुधियाना से वाराणसी तक लगभग 704 किमी तक हुआ और मालगाड़ी ने मात्र 17 घंटे में खाद्य अनाज को गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाया। इसी प्रकार फर्रुख नगर (हरियाणा) से लखनऊ तक 557 किमी की यात्रा 28 घंटे में पूरी की जबकि पहले 70 घंटे लगते थे। इस मालगाड़ी के माध्यम से ऑटोमोबाइल्स पार्ट्स भेजे गए, वहीं पंजाब के रूपनगर से अनंतनाग तक 586 किमी का सफर सीमेंट से लदी मालगाड़ी ने मात्र 31 घंटे में पूरा किया जबकि सड़क मार्ग से सामान को भेजने में 10 से 15 दिन का समय लग जाता था।
व्यापारियों को बताया जाएगा समय
कार्गाे मालगाड़ी के माध्यम से जो भी व्यापारी सामान को एक से दूसरी जगह भेजेगा, उसे मालगाड़ी के संचालन से लेकर गंतव्य तक पहुंचने की पूरी जानकारी दी जाएगी, यानि कम समय अवधि में व्यापारी का सामान एक से दूसरी जगह तक सुरक्षित पहुंचे, इसके लिए भी रेलवे के ट्रेन पूछताछ सेवा की तर्ज पर मालगाड़ियों के लिए भी ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
बीच में रोकी जाती थीं मालगाड़ियां
मौजूदा समय में मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन के कारण बीच ही मालगाड़ियों को रोक दिया जाता है, लेकिन कार्गाे मालगाड़ी को इस दौरान नहीं दिया जाएगा। इन मालगाड़ियों को भी शताब्दी व वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों की तर्ज पर चलाया जाएगा ताकि जरूरी वस्तुओं को एक से दूसरी जगह तक पहुंचाने में अधिक समय न लगे। इस सुविधा के लिए बाकायदा निगरानी सैल भी तैनात किया जाएगा।
मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह कार्गो मालगाड़ियां भी समय अनुसार संचालित की जाएंगी। इसकी जानकारी व्यापारियों से भी साझा की जाएगी ताकि उनका सामान जल्द व सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचे। पिछले दिनों चलाई गई कुछ कार्गाे मालगाड़ियों के संचालन के बहुत ही अच्छे परिणाम आए हैं।