
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) का 9वां त्रिवार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन 5 से 7 अक्टूबर 2025 तक जयपुर स्थित केशव विद्यापीठ, जामडोली में आयोजित होगा। तीन दिवसीय अधिवेशन में देशभर के 29 राज्यों से लगभग 3200 शिक्षक प्रतिनिधि भाग लेंगे। अधिवेशन का मुख्य विषय “शिक्षक राष्ट्र के लिए” रहेगा। इसमें शिक्षा की गुणवत्ता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन और राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर गहन विमर्श होगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नारायणलाल गुप्ता ने प्रेस वार्ता में बताया कि उद्घाटन सत्र 5 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे होगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, विभिन्न कुलपति और प्रमुख शिक्षाविद भी उपस्थित रहेंगे।
अधिवेशन के दूसरे दिन 6 अक्टूबर को सायंकाल तीन शिक्षकों को अखिल भारतीय ‘राष्ट्र निर्माण ’ से अलंकृत किया जाएगा। यह सम्मान विशेष है क्योंकि इसकी वित्तीय व्यवस्था शिक्षक स्वयं करते हैं और चयन समिति देशभर से योग्य शिक्षकों की खोज करती है। इस वर्ष सम्मान प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा (राजस्थान), प्रो. सुषमा यादव (दिल्ली) और श्री वी.जे. श्रीकुमार (केरल) को मिलेगा। सम्मान में 1 लाख रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र और चांदी की प्लेट दी जाएगी। कार्यक्रम में जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंदजी महाराज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी शामिल होंगे।
महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने बताया कि अधिवेशन में तीन प्रमुख प्रस्ताव पारित होंगे- राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पांच वर्ष की समीक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा पर विमर्श तथा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार, एनसीईआरटी निदेशक प्रो. दिनेश सकलानी और अन्य शिक्षाविद मार्गदर्शन देंगे।
इसके अतिरिक्त 4 अक्टूबर को शाम 7 बजे प्रदर्शनी का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, सांसद मंजू शर्मा और महापौर कुसुम यादव करेंगी। प्रदर्शनी में महासंघ की यात्रा और गतिविधियों का दस्तावेजीकरण प्रस्तुत किया जाएगा।
अधिवेशन पूरी तरह आवासीय होगा। प्रतिभागियों के लिए 16 परिसरों में ठहरने की व्यवस्था की गई है। 13.50 लाख से अधिक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाला ABRSM देश का सबसे बड़ा शिक्षक संगठन है, जिसमें पूर्व प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षक शामिल हैं।