उत्तरप्रदेशराज्य

यूपी में राशन घोटाला: थार से चलने वाला खा रहा गरीबों का राशन

भदोही जिले के घोसिया के सदर रोड निवासी इंतेखाब आलम ने अपनी दो पत्नियों के नाम 2020 में अंत्योदय राशन कार्ड बनवा लिए। इनमें एक पत्नी का नाम फर्जी है। कुंआरे भाई की पत्नी के नाम पर भी फर्जी कार्ड बन गया। बहन की शादी हो गई है लेकिन उसका भी कार्ड में नाम है। इतना ही नहीं, इंतेखाब की मां अनवारी बेगम की मृत्यु 2021 में हो गई लेकिन 2022 में उनके नाम गरीबी रेखा के नीचे का राशनकार्ड बनवाकर खाद्यान्न का उठान किया जा रहा है। जांच में वह कालीन कंपनी और थार गाड़ी का मालिक निकला।

यह जिले का इकलौता मामला नहीं है। जिले के कई गांवों में तमाम अपात्र विभाग की नजरों से बचकर गरीबों का राशन डकार रहे हैं। जिलापूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में तीन लाख राशनकार्ड धारक हैं। इनमें 38 हजार अंत्योदय कार्डधारक हैं। वहीं पात्र गृहस्थी के दो लाख 62 हजार कार्डधारक हैं।

यूनिट की संख्या सवा 12 लाख के आसपास है। जिले में बीते दो वर्षों से ई-केवाईसी शुरू की गई है। अब तक एक लाख 10 हजार लोगों की ई-केवाईसी नहीं हो सकी है। विभागीय स्तर से तमाम प्रयासों के बाद भी अब तक तमाम ऐसे लोग हैं, जो गरीबों का राशन खा रहे हैं। घर पर चारपहिया वाहन है। पक्का मकान और कई बीघे जमीन है लेकिन गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को मिलने वाले राशन पर अमीरों की नजर है।

शिकायतों के बाद टीम सत्यापन के लिए जाती है। उसके बाद भी उनका राशन कार्ड निरस्त नहीं किया जाता है। दूसरी तरफ कई पात्र ऐसे हैं, जो पात्र होने के बाद भी राशन नहीं पाते। घोसिया के सदर रोड निवासी इंतेखाब आलम ने पांच साल में अब तक पांच कार्ड बनवाए और हर माह 1.75 क्विंटल खाद्यान्न ले रहा है। मामले की शिकायत आईजीआरएस पर की गई तो इसकी जांच हुई। जांच में सारे कार्ड फर्जी निकले।

डीएम के निर्देश पर औराई पूर्ति निरीक्षक ने जांच की तो उसकी कार्पेट कंपनी मिली। वह लक्जरी गाड़ी थार का मालिक निकला और जीएसटी जमा करने वाला था। इससे पांचों कार्डों को निरस्त करने की संस्तुति की। जिले में तमाम ऐसे लोग हैं, जो अपात्र होते हुए भी राशन कार्ड का लाभ उठा रहे हैं।

भदोही ब्लॉक के धसकरी गांव में सत्यनारायण के पास ट्रैक्टर व जेसीबी जैसे वाहन हैं। इसके बाद भी उन्हें राशन मिल रहा है। इसी गांव के लक्ष्मी, हृदयनारायण, हरिशंकर पाल, समरनाथ, राजेश दुबे के पास कई बीघा जमीन है। फिर भी राशन कार्ड का लाभ लिया है। सुरियावां ब्लॉक के अर्जुनपुर निवासी मुलायम बिंद व उनके बेटे के नाम से भी राशन कार्ड है। इन सभी मामलों में शिकायत भी की गई है।

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