
पंजाबी गायक राजवीर जवंदा का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव पाैना में किया जाएगा। 27 सितंबर को हुए सड़क हादसे में जवंदा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बुधवार को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में उनका निधन हो गया था।
राजवीर का अंतिम संस्कार दोपहर करीब 12 बजे किया जाएगा। सीएम भगवंत मान अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं। अंतिम सस्कार स्थल के पास विशाल खेल ग्राउंड और वाहन पार्किंग तैयार कर ली गई है। परिवार के अनुसार राजवीर की बहन के विदेश से आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गांव में शोक की लहर
गांव के गुरुद्वारे में राजवीर के लिए रोज अरदास की जा रही थी। लेकिन उनकी मौत की खबर से गांव में मातम छा गया। सरपंच गुरप्रीत सिंह राजू ने कहा कि राजवीर के लिए न तो कोई दवा काम आई, न ही दुआ।
पुलिस अधिकारी थे पिता
1990 में जन्मे राजवीर जवंदा के पिता करम सिंह पंजाब पुलिस के अधिकारी थे और मां परमजीत कौर घर संभालती थी। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सन्मति विमल जैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल जगरांव से प्राप्त की, फिर उच्च शिक्षा के लिए डीएवी कॉलेज जगरांव से ग्रेजुएशन की। इसके बाद उन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से थिएटर एंड टीवी में पोस्ट ग्रेजुएशन की। कॉलेज जीवन में ही उनका कला प्रेम जगजाहिर हो गया था। उन्होंने कॉलेज यूथ फेस्टिवल में 11 ट्रॉफियां और इंटर यूनिवर्सिटी सिंगिंग प्रतियोगिता में दो बार गोल्ड मेडल जीता था।
जब राजवीर 6-7 वर्ष के थे, उनके गांव में दूरदर्शन का कार्यक्रम मेरा पिंड मेरे खेत फिल्माया गया। उस समय उनकी मां परमजीत कौर गांव की सरपंच थीं और शूटिंग उनके घर में हुई। टीम ने जब छोटे राजवीर से एक कविता सुनी, तो उनकी आवाज की प्रशंसा की और उन्हें संगीत की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी। यही पल था, जब जवंदा ने तय कर लिया कि उनका जीवन संगीत को समर्पित होगा।
साल 2014 में पंजाब पुलिस में भर्ती होने के बावजूद उनका दिल संगीत में बसता था। इसलिए उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ हाथ में माइक थाम लिया। 2018 में उनका पहला गीत “कली जवंदे दी” रिलीज हुआ, जो सुपरहिट हुआ।
सोशल मीडिया पर भी उनका दबदबा था। फेसबुक पर उनके 9.87 लाख और इंस्टाग्राम पर 2.7 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स थे। यूट्यूब पर भी एक मिलियन से ज्यादा लोग राजवीर जवंदा को फॉलो करते हैं।
बाइक राइडिंग के शौकीन थे
राजवीर अपने कॉलेज के दिनों से ही बाइक राइडिंग और कैंपिंग करने के शौकीन थे। उनके कॉलेज के दिनों के दोस्त उनके साथ लेह लद्दाख तक बाइक का सफर तय कर चुके हैं। राजवीर के पास कई लग्जरी बाइक थी जिस पर वह पहाड़ों में राइडिंग के लिए अक्सर जाया करते थे। 27 सितंबर को जिस बीएमडब्ल्यू मोटरसाइकिल से वह हादसे का शिकार हुए, उसे उन्होंने एक महीना पहले ही 28 लाख रुपये में खरीदा था।
पैराग्लाइडिंग भी करते थे
राजवीर को बाइक राइडिंग के अलावा पैराग्लाइडिंग का भी शौक था और वो पहाड़ों के अलावा अपने गांव पाैना के आसमान में भी पैराग्लाइडिंग किया करते थे।