दिल्लीराज्य

एमसीडी के बजट में स्वच्छता, सड़क निर्माण और शिक्षा पर रहेगा जोर

दिल्ली: एमसीडी ने अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 के बजट की तैयारी की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है। एमसीडी के वित्त विभाग ने इसके लिए विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया है जिसके तहत सभी विभागों के साथ बैठकें शुरू होंगी। बजट में राजधानी की स्वच्छता, सड़क निर्माण और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि संपत्ति कर, विज्ञापन शुल्क, पार्किंग शुल्क, कनवर्जन चार्ज, टोल टैक्स और विभिन्न प्रकार के लाइसेंस शुल्क को बढ़ाया जा सकता है। इनमें कई वर्षों से बढ़ोतरी नहीं हुई है। साथ ही, खर्चों में कटौती और संसाधनों के कुशल प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। उसकी योजना है कि अनावश्यक खर्चों को सीमित किया जाए और उपलब्ध धन का अधिकतम उपयोग उन क्षेत्रों में किया जाए जिनका सीधा संबंध जनता की सुविधा और शहर के विकास से है। एक सप्ताह तक चलने वाली बैठकों में हर विभाग अपनी योजनाओं, खर्च के अनुमान और भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं की जानकारी देगा। एमसीडी का लक्ष्य है कि बजट तैयार करने से पहले सभी विभागों की प्राथमिकताएं और जरूरतें स्पष्ट हो जाएं ताकि अगले वित्तीय वर्ष में कामकाज समय पर शुरू किया जा सके।

एमसीडी सूत्रों के मुताबिक, वित्त विभाग ने प्रत्येक विभाग को प्रस्तावित कार्यों, परियोजनाओं और उनके लिए अनुमानित धनराशि का ब्योरा प्रस्तुत करने को कहा है। यह जानकारी एमसीडी के समेकित बजट का आधार बनेगी। आयुक्त दिसंबर के पहले सप्ताह में बजट प्रस्ताव को स्थायी समिति के समक्ष पेश करेंगे जिसके बाद उसे सदन में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। इस बार एमसीडी का बजट केवल खर्च का दस्तावेज नहीं बल्कि सुधार और संसाधन-संतुलन का रोडमैप होगा। प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि समय से पहले तैयारी और समन्वय से न सिर्फ राजस्व की स्थिति सुधरेगी बल्कि विकास कार्यों में भी तेजी आएगी।

स्वच्छता, सड़क और शिक्षा क्षेत्र को मिलेगी प्राथमिकता

एमसीडी के अनुसार, आगामी वर्ष के बजट में स्वच्छता व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। योजना है कि कूड़ा प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाया जाए, डोर-टू-डोर कलेक्शन सिस्टम को और मजबूत किया जाए और लैंडफिल स्थलों के कचरे के निपटान के कार्य को तेज किया जाए। सड़क निर्माण और मरम्मत कार्यों को भी बजट में अहम स्थान मिलेगा। बारिश के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जल निकासी तंत्र को दुरुस्त करने पर विशेष बल दिया जाएगा। साथ ही, पार्कों के रखरखाव और हरित क्षेत्रों के विस्तार को भी प्राथमिकता सूची में शामिल किया गया है।

स्मार्ट क्लासरूम की संख्या बढ़ेगी

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी एमसीडी ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए बड़े लक्ष्य तय किए हैं। स्कूलों में आधारभूत ढांचे के सुधार, स्मार्ट क्लासरूम की संख्या बढ़ाने और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए अलग से बजट प्रावधान किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग को भी क्लीनिकों और अस्पतालों की सुविधाओं को उन्नत करने के लिए अतिरिक्त राशि आवंटित करने की योजना है।

राजस्व बढ़ाना और खर्च पर नियंत्रण

एमसीडी इस समय गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही है। पिछले वर्षों में राजस्व संग्रह में कमी के कारण कई विकास परियोजनाएं प्रभावित हुईं और नई नहीं बनाई जा रही हैं। इसे देखते हुए इस बार एमसीडी ने बजट प्रक्रिया के प्रारंभिक चरण में ही राजस्व बढ़ाने की दिशा में ठोस रणनीति बनाने का फैसला किया है।

Related Articles

Back to top button