
झारखंड पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सरकारी अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित बल्ड चढ़ाने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ा रुख अपनाते हुए चाईबासा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन और उनके साथ अन्य पदाधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है। साथ ही पीड़ित बच्चों के इलाज राज्य सरकार अपने खर्चे पर कराने का फैसला लिया है। परिजनों को 2-2 लाख रूपये की सहायता राशि राज्य सरकार की ओर से देने की बात कही है।
यही नहीं लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर भी कड़ा निर्देश दिया है कि बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम ने चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का संक्रमित होना बहुत ही पीड़ादायक बताया है। गौरतलब है कि बीते 13 सितंबर को सात थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित बल्ड चढ़ाया गया था। 18 अक्टूबर को जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आया था। इसपर पीड़ित बच्चों के परिजनों ने तकनीकी अधिकारियों पर लापरवाहीं का आरोपनलगेट हुए उच्च अधिकारियों को शिकायत किया। इसके बस शनिवार को पांच सदस्यों की टीम ने जब जांच किया तो 6और थैलीसीमिया बच्चों के जांच रिपोर्ट एचआईवी पाया गया। ऐसे बच्चों को 15-20दिनों में लगातार बल्ड चढ़ाया जाता है।
वहीं रविवार को स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दो दिन पूर्व यह मामला मेरे संज्ञान में आया था, जिसके बाद मैंने तत्काल उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। जांच के क्रम में एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे में एचआईवी संक्रमण की प्राथमिक पुष्टि हुई है। इस गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए चाईबासा के सिविल सर्जन,एचआईवी यूनिट के प्रभारी चिकित्सक तथा संबंधित टेक्नीशियन सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मैंने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है और उसे एक सप्ताह के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच में यह सुनिश्चित किया जाए कि रक्त आपूर्ति रक्त अधिकोष से हुई थी या बाहर से।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि एचआईवी संक्रमण की पूरी पुष्टि में लगभग चार सप्ताह का समय लगता है। विंडो पीरियड के दौरान यदि संक्रमित व्यक्ति का रक्त ट्रांसफ्यूज हो जाए, तो संक्रमण की ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ल को इस पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी गई है। उन्होंने स्वयं इस पर संज्ञान लेते हुए सख्त और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। हम सबके लिए बच्चे सबसे प्रिय हैं। उनके स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ी किसी भी प्रकार की लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।




