
अंता विधानसभा उपचुनाव-2025 में बिना निर्वाचन विभाग की अनुमति के रानीतिक दल या प्रत्याशी मोबाइल फोन पर प्रचार नहीं कर सकेंगे। निर्वाचन विभाग का कहना है कि बिना अधिप्रमाणन राजनीतिक विज्ञापन, ऑडियो कॉल या बल्क एसएमएस प्रसारित करने पर संबंधित मोबाइल ऑपरेटर और टेली मार्केटिंग फर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।इसे लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने गुरुवार को मोबाइल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की है।
महाजन ने कहा कि सभी टेलीकॉम ऑपरेटर यह सुनिश्चित करें कि उनके प्लेटफॉर्म से कोई भी गैर-अधिप्रमाणित राजनीतिक सामग्री या मतदाताओं को प्रभावित करने वाला संदेश प्रसारित न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदान से पहले के 48 घंटे (साइलेंस पीरियड) में किसी भी उम्मीदवार या पार्टी के पक्ष में संदेश भेजना, कॉल करना या प्रचार सामग्री प्रसारित करना प्रतिबंधित रहेगा।
निर्वाचन विभाग के विशेषाधिकारी सुरेश चंद्र ने कहा कि सभी मोबाइल ऑपरेटर अपनी टेली मार्केटिंग कंपनियों को निर्देश दें कि वे आचार संहिता के अनुरूप ही संदेश भेजें। यदि कोई उम्मीदवार या एजेंट किसी टेली मार्केटिंग कंपनी के माध्यम से गैर-प्रमाणित संदेश प्रसारित करता है तो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत कार्रवाई की जाएगी। महाजन ने अंता विधानसभा क्षेत्र के कमजोर नेटवर्क वाले मतदान केंद्रों में संचार सुविधा सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान के लिए आवश्यक तकनीकी सुविधाएं समय पर सुनिश्चित की जाएं। बैठक में स्टेट पुलिस नोडल ऑफिसर, स्टेट सोशल मीडिया नोडल ऑफिसर, भारत सरकार के दूरसंचार विभाग, बीएसएनएल, एयरटेल, वोडाफोन और जियो के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। टेलीकॉम कंपनियों ने आश्वासन दिया कि वे निर्वाचन आयोग के सभी निर्देशों का पालन करेंगी और किसी भी नियम उल्लंघन की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
 
				 
					




