
इस तीन दिवसीय युद्धाभ्यास में जमीनी और हवाई फायरिंग प्लेटफार्मों का एकीकृत प्रयोग किया गया, जिसमें मैकेनाइज्ड फोर्सेस, तोपखाना, टैंक, ड्रोन रोधी प्रणाली तथा हवाई युद्धक इकाइयां शामिल रहीं। अभ्यास में आधुनिक तोपखाने की घातक क्षमता, मिशन इंगेजमेंट और काउंटर ड्रोन ऑपरेशन की दक्षता को परखा गया। साथ ही मल्टी-डोमेन वातावरण में नई तकनीकों के समावेश और रीयल-टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग की भी जांच की गई।
अभ्यास के दौरान अटैक हेलीकॉप्टर, टी-72 टैंक, बीएमपी इंफेंट्री वाहन और लंबी दूरी तक मार करने वाली स्वदेशी हथियार प्रणालियों का प्रभावी उपयोग किया गया। इन सभी ने सर्विलांस नेटवर्क और ऑपरेशन आर्किटेक्चर के तहत सामंजस्यपूर्ण ढंग से फायरिंग की, जिससे फायर पॉवर की प्रभावशीलता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हुई। इसके साथ ही आधुनिक युद्ध परिदृश्यों में काउंटर यूएएस ग्रिड की उपयोगिता को भी कई काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक उपायों के माध्यम से परखा गया।
इस अवसर पर सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह तथा वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। आर्मी कमांडर ने सैनिकों के उत्कृष्ट प्रदर्शन, उच्च प्रशिक्षण मानकों और सभी शाखाओं के बीच समन्वय की सराहना की। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत शामिल स्वदेशी प्लेटफार्मों की दक्षता की भी प्रशंसा की।
जनरल सिंह ने कहा कि भारतीय सेना निरंतर नई लड़ाकू कार्यप्रणालियों के विकास और युद्धक क्षमताओं के संवर्धन के लिए तत्पर है। उन्होंने सभी सैनिकों को उनकी पेशेवर दक्षता और समर्पण के लिए बधाई देते हुए भविष्य में और अधिक प्रभावशाली परिचालन तत्परता बनाए रखने का आह्वान किया।
 
				 
					


