कारोबार

ओला के तिमाही नतीजे आते ही धड़ाम हुए शेयर

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड ने गुरुवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए। इस बार के नतीजों में कंपनी का नेट लॉस कम हुआ है। लेकिन ऑपरेशन से होने वाले रेवेन्यू में गिरावट भी दर्ज की गई है। Ola का ऑपरेशन से रेवेन्यू FY26 की दूसरी तिमाही में ₹690 करोड़ रहा, जो FY25 की दूसरी तिमाही के ₹1,214 करोड़ से 43% कम है। कंपनी ने FY26 की दूसरी तिमाही में कुल 52,666 गाड़ियों की डिलीवरी की है। ओला कंसोलिडेटेड नेट लॉस कम होकर 418 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह लॉस 495 करोड़ रुपये था।

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक का ऑपरेटिंग EBITDA लॉस Q2 FY26 में एक साल पहले के ₹379 करोड़ से सुधरकर ₹203 करोड़ हो गया। Q2 नतीजों के बाद ओला इलेक्ट्रिक का स्टॉक गिर गया और सुबह करीब 10.30 बजे NSE पर ₹49.4 पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, इस खबर को लिखते वक्त ओला के शेयर करीब 2 फीसदी की गिरावट के साथ 49.07 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

इस तिमाही के दौरान, कंपनी ने Ola Shakti लॉन्च किया, जो भारत का पहला रेजिडेंशियल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) है, जिसे कंपनी के अंदर ही डेवलप किए गए 4680 भारत सेल्स का इस्तेमाल करके बनाया गया है। ओला को उम्मीद है कि Q4 FY26 में BESS बिजनेस से लगभग 100 करोड़ रुपये और FY27 में सालाना 1,000 करोड़ रुपये से 1,200 करोड़ रुपये के बीच रेवेन्यू मिलेगा।

ऑटो सेगिमेंट मुनाफे में
कंपनी ने अपनी Ola Gigafactory को 2.5 GWh की शुरुआती कैपेसिटी के साथ शुरू किया और कहा कि वह मार्च 2026 तक इसे बढ़ाकर 5.9 GWh करने के अपने लक्ष्य पर कायम है। कंपनी के ऑटो सेगमेंट ने Q2 FY26 में 0.3% का पॉजिटिव EBITDA रिपोर्ट किया, जो पिछले क्वार्टर के -5.3% से काफी बेहतर है। यह ऑटो बिजनेस में कंपनी का पहला प्रॉफिटेबल क्वार्टर है।

ओला इलेक्ट्रिक ने यह भी बताया कि उसका ऑटो ग्रॉस मार्जिन पिछले क्वार्टर के मुकाबले 510 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 30.7% हो गया है – जो ज्यादातर ICE टू-व्हीलर कंपनियों से ज्यादा है – जिसमें PLI का योगदान सिर्फ 2% है। कंपनी ने एक बयान में कहा, “यह मजबूत ग्रॉस मार्जिन बढ़ोतरी और अनुशासित कॉस्ट मैनेजमेंट के साथ सस्टेनेबल प्रॉफिटेबिलिटी की ओर कंपनी की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।”

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