बर्फीली हवाओं ने बढ़ाई ठंड, मध्यप्रदेश में पारा 6 डिग्री तक लुढ़का

हिमालयी राज्यों में हो रही बर्फबारी का असर अब मध्यप्रदेश में साफ नजर आने लगा है। उत्तर दिशा से आ रही ठंडी हवाओं के कारण राज्य में रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। कई शहरों में पारा सामान्य से 6.1 डिग्री तक नीचे चला गया है। इंदौर में नवंबर महीने की बीते 10 वर्षों में पांचवीं सबसे ठंडी रात दर्ज हुई, जबकि भोपाल और उज्जैन में भी तापमान में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। बुधवार-गुरुवार की रात से ठंड का असर और तेज हो गया है।राज्य के अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। राजगढ़ सबसे ठंडा रहा, जहां रात का पारा 11 डिग्री तक लुढ़क गया। धार में 14.1, गुना में 14.7 और नौगांव में 15.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ। पांच बड़े शहरों में भोपाल 13, इंदौर 12.1, ग्वालियर 16.3, उज्जैन 14.5 और जबलपुर 18.3 डिग्री पर रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड बताते हैं कि इंदौर में पिछले साल नवंबर में पारा 11.6 डिग्री तक पहुंचा था।
आने वाले दिनों में और गिरेगा पारा
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, अगले पांच दिन तक प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है। उत्तरी हवाएं लगातार चलने से रात के तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। गुरुवार को भोपाल में अधिकतम तापमान 28.4, इंदौर में 28.3, ग्वालियर में 28.6, उज्जैन में 29.5 और जबलपुर में 30.7 डिग्री रहा। दमोह, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, उमरिया, नर्मदापुरम, खंडवा और खरगोन को छोड़कर बाकी अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे ही रहा।
हिमालय की बर्फबारी का असर मैदानों तक
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी से पहाड़ सफेद चादर में लिपट गए हैं। गुलमर्ग, बद्रीनाथ-केदारनाथ, लाहौल-स्पीति और किन्नौर में बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में सर्दी का असर बढ़ गया है। मध्यप्रदेश में भी तापमान में औसतन 6.1 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और आने वाले दिनों में पारा और नीचे जा सकता है।
उत्तर भारत में दो सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। हालांकि इनका सीधा असर मध्यप्रदेश पर नहीं होगा, लेकिन इनके मिल जाने से ठंडी हवाओं की रफ्तार और बढ़ सकती है।
कोहरा भी बढ़ेगा
रात और सुबह के समय ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ने लगा है। फिलहाल मंडला में विजिबिलिटी घटकर 1-2 किलोमीटर तक रह गई, जबकि जबलपुर, रीवा और सतना में दृश्यता 2 से 4 किलोमीटर के बीच रही।मौसम विभाग के अनुसार, पिछले दस वर्षों में नवंबर माह में ठंड और कभी-कभी बारिश का ट्रेंड देखा गया है। इस साल भी यही पैटर्न जारी रहेगा। अक्टूबर में औसतन 2.8 इंच बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 121% अधिक है। 30 अक्टूबर को भोपाल में दिन का तापमान मात्र 24 डिग्री रहा, जो पिछले 25 वर्षों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर और नरसिंहपुर में भी पारा 24 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।




