
सूक्ष्म कला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध स्वर्ण शिल्पी डॉ. इकबाल सक्का ने एक बार फिर अपनी नायाब कला से देश का गौरव बढ़ाया है। भारतीय हॉकी के 100 वर्ष पूर्ण होने के मौके पर उन्होंने सोने-चांदी से विश्व की सबसे छोटी 25 हॉकी और 25 गेंदें तैयार की हैं। यह कलाकृति भारतीय हॉकी के 1925 से 2025 तक के गौरवशाली शताब्दी वर्ष को समर्पित है।
उदयपुर में रहने वाले डॉ. सक्का ने बताया कि उन्हें इस कलाकृति की प्रेरणा भारतीय हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने से मिली। उन्होंने कहा कि 1925 और 2025 दोनों में अंक 25 दोहराया गया है, इसलिए उन्होंने 25 हॉकी और 25 गेंदें बनाकर इस विशेष वर्ष को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया। इन हॉकी और गेंदों को उन्होंने शुद्ध चांदी से तैयार किया है, जिनका आकार मात्र 2 मिलीमीटर और गेंदों का आकार लगभग 1 मिलीमीटर है। इन सूक्ष्म कलाकृतियों को केवल लेंस की सहायता से देखा जा सकता है।
डॉ. सक्का ने इन हॉकी और गेंदों को हरे रंग के सूक्ष्म हॉकी मैदान पर सजाकर 100 अंक बनाकर प्रदर्शित किया है। उन्होंने बताया कि यह पूरा कार्य उन्होंने तीन दिन में पूरा किया। उनका कहना है कि यह रचना न केवल कला का नमूना है, बल्कि भारत के राष्ट्रीय खेल के गौरवशाली इतिहास को सलाम भी है।
सक्का ने जानकारी दी कि भारतीय हॉकी संघ द्वारा हॉकी शताब्दी समारोह 7 नवंबर को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर अपनी इस विशेष कलाकृति को समारोह के दौरान प्रदर्शित करने का अनुरोध किया है।
विश्व में अब तक सूक्ष्मतम कलाकृतियों के कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके डॉ. इकबाल सक्का का यह नया प्रयास भारतीय हॉकी को समर्पित एक अनोखी श्रद्धांजलि माना जा रहा है। उदयपुर के इस स्वर्ण शिल्पी ने पहले भी सोने और चांदी से बनी मिनिएचर कलाओं के कई अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, अब उन्होंने खेल जगत को समर्पित इस अनूठे प्रयास से एक और मील का पत्थर इसमें जोड़ दिया है।





